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Tragic Accident in Guwahati: लापरवाही की भेंट चढ़ा मासूम, CCTV फुटेज में देखें कैसे नाले में गिरा तीन साल का बच्चा

Tragic Accident in Guwahati: गुवाहाटी के कालापहाड़ इलाके में तीन साल का मासूम खुले नाले में गिरकर मौत का शिकार हो गया है. हादसे ने शहर की सुरक्षा और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं. घटना के बाद सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सैटेलाइट सर्वे का आदेश दिया और ठेकेदार कंपनी को नोटिस जारी किया है.

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Edited By: Babli Rautela
Tragic Accident in Guwahati
Courtesy: Social Media

Tragic Accident in Guwahati: गुवाहाटी में बुधवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें तीन साल के मासूम सुमित कुमार की जान चली गई. बच्चा कालापहाड़ इलाके में खेलते समय अचानक एक खुले नाले में गिर गया. परिवार घंटों उसकी तलाश करता रहा, लेकिन सीसीटीवी फुटेज से चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई. बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है. ठीक एक साल पहले भी गुवाहाटी में आठ साल का बच्चा खुले नाले में गिरकर शहरी बाढ़ के दौरान बह गया था. घंटों खोजबीन के बाद उसका शव तीन किलोमीटर दूर मिला था. ऐसे हादसों ने नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

मुख्यमंत्री बिस्वा ने दिया सख्त निर्देश

दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मुख्य सचिव रवि कोटा को तत्काल शहर के सभी खुले मैनहोल और नालों का सैटेलाइट सर्वे कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को नालों और मैनहोल को ढकने के आदेश दिए गए थे, लेकिन सीमेंट स्लैब चोरी होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए.

ठेकेदार पर कार्रवाई

लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए निर्माण के लिए जिम्मेदार कंपनी भारतीय इंफ़्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. मध्य गुवाहाटी संभाग के कार्यकारी अभियंता प्रांजल भट्टाचार्य ने कहा कि 'निर्माण स्थलों पर जवाबदेही और सख्त सुरक्षा निरीक्षण बेहद जरूरी है.

वार्ड पार्षद बृजेश रॉय ने बताया कि हादसे वाले नाले पर पहले लकड़ी के स्लैब डाले गए थे. लेकिन निर्माण कार्य के दौरान एक मजदूर ने उन्हें हटा दिया, जिसके चलते यह दुर्घटना हुई. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या लगातार बनी हुई है. स्थानीय निवासी लक्या दास ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'हमें हर दिन इस स्थिति का सामना करना पड़ता है. इन सड़कों पर चलना बहुत खतरनाक है, खासकर रात में और बारिश के समय. हमने कई बार अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.