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India Daily

EU Speaks With PM Modi: मोदी पर दुनिया की नजर, यूरोप ने भारत को सौंपी रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने की जिम्मेदारी!

EU Speaks With PM Modi: यूरोपीय संघ (EU) के टॉप नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर रूस को यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए मनाने में मदद मांगी है. मोदी ने भारत की तरफ से शांतिपूर्ण समाधान और वैश्विक स्थिरता की बहाली के लिए समर्थन दोहराया है.

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Edited By: Babli Rautela
EU Speaks With PM Modi
Courtesy: Social Media

EU Speaks With PM Modi: यूरोपीय संघ (EU) के टॉप लीडर्स ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की और रूस को यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए मनाने में मदद मांगी है. इस दौरान मोदी ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और स्थिरता की बहाली के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया है.

बातचीत के बाद यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष, दोनो ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'रूस को उसके आक्रामक युद्ध को समाप्त करने और शांति की दिशा में एक रास्ता बनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है.' उन्होंने भारत और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच जारी संवाद का स्वागत भी किया.

भारत का स्पष्ट रुख

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मोदी ने 'संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और शांति की शीघ्र बहाली के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया है.' भारत ने 2022 से अब तक रूस की खुली आलोचना नहीं की है, लेकिन लगातार इस बात पर जोर दिया है कि युद्ध के मैदान से कोई समाधान नहीं निकल सकता. मोदी ने कई मौकों पर कहा है कि बंदूक की नोक पर वार्ता सफल नहीं हो सकती.

मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा

इस बातचीत में भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भी जोर दिया गया. दोनों पक्ष साल के आखिर तक वार्ता को अंतिम रूप देने पर सहमत हुए. कोस्टा और वॉन डेर लेयेन ने कहा, 'हम साल के आखिर तक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसे हासिल करने के लिए अभी प्रगति की आवश्यकता है.' अब तक FTA पर 12 दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, जिनमें से आखिरी जुलाई में हुई थी.

यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब भारत पर रूसी तेल की खरीद रोकने के लिए अमेरिका और यूरोप की ओर से दबाव बढ़ रहा है. हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ बढ़ा दिया है. भारत का कहना है कि ऊर्जा सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है और रूस वर्तमान में उसकी लगभग 40% ऊर्जा जरूरतें पूरी करता है.