ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने दिल्ली में 1 जून को होने वाली इंडिया ब्लॉक की बैठक से किनारा कर लिया है. यानी टीएमसी इस बैठक में शामिल नहीं होगी. पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. पार्टी के नेता ने कहा, 'हमारे यहां सातवें चरण का महत्वपूर्ण चुनाव है. सातवें चरण में पश्चिम बंगाल में 9 सीटों पर मतदान होना है, जोकि किसी भी चरण की सबसे ज्यादा सीटें हैं. उस दिन कोलकाता और ग्रेटर कोलकाता की सभी सीटों पर मतदान होगा. यह टीएमसी के लिए बड़ा चुनावी दिन है. इस दिन यूपी, बिहार और पंजाब में भी मतदान होगा. दिल्ली जाना व्यावहारिक नहीं है.'
चुनाव के बाद गठबंधन के भविष्य पर होगी चर्चा
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में 4 जून को आने वाले लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद गठबंधन की भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होने की उम्मीद है. जानकारी के लिए बता दें कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी इंडी ब्लॉक के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ रही है.
#WATCH | Kolkata | TMC Chairperson and West Bengal CM Mamata Banerjee says, "The INDIA team is holding a meeting on June 1. I have told them I can't join as we have election on 10 seats in West Bengal on the same day. Punjab, Bihar & UP also have elections on June 1. On one side… pic.twitter.com/4EIDZnr6lc
— ANI (@ANI) May 27, 2024Also Read
पिछले साल 23 जून को हुई थी इंडिया ब्लॉक की पहली बैठक
इंडिया ब्लॉक की पहली बैठक पिछले साल 23 जून को पटना में हुई थी, दूसरी बैठक 17 और 18 जुलाई को बैंगलुरु में और तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को हुई थी. इस बैठक में गठबंधन के सभी सदस्यों ने एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पास किया था.
इसके बाद इस गठबंधन की चौथी बैठक 19 दिसंबर को दिल्ली में हुई थी. इसके बाद इसी साल 31 मार्च को इंडी गठबंधन की सभी पार्टियों ने दिल्ली में 'संविधान बचाओ' रैली का आयोजन किया. यह रैली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में निकाली गई थी. इसके बाद इंडिया गठबंधन ने 21 अप्रैल को रांची में इसी प्रकार की रैली का आयोजन किया जिसे उलगुलान रैली नाम दिया गया.
इंडिया ब्लॉक में 28 दल शामिल
बता दें कि विपक्षी इंडिया ब्लॉक में कुल 28 दल शामिल हैं. हालांकि नीतीश कुमार की जेडीयू और आरएलडी पहले इंडिया ब्लॉक का हिस्सा थीं लेकिन बाद में इन्होंने एनडीए का दामन थाम लिया.