अमृतपाल और उसके साथी से पंजाब के सीएम की जान को खतरा, किसने किया ये दावा?

पंजाब पुलिस ने दावा किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हिरासत में लिए गए कट्टरपंथी अमृतपाल और उसके साथी न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान की जान के लिए भी खतरा हैं.

Social Media
India Daily Live

डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक और सांसद अमृतपाल सिंह से पंजाब के सीएम भगवंत मान की जान को खतरा बताया जा रहा है. पंजाब पुलिस ने हलफनामे में यह दावा किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएसए के तहत हिरासत में लिए गए खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल और उसके साथी न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है बल्कि प्रदेश के सीएम भगवंत मान की जान के लिए भी खतरा है. राज्य पुलिस ने अपने दावे के समर्थन में अमृतपाल के कुछ वीडियो क्लिप का हवाला दिया है. इसमें वह यह कहते हुए दिखाई दे रहा है कि पंजाब के सीएम इस तरह से काम कर रहे हैं, जिससे उनका भी पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह जैसा हश्र होगा, जिसकी हत्या मानव बम से की गई थी.

प्रदेश की पुलिस ने यह दावा अमृतसर के एसएसपी चरणजीत सिंह के माध्यम से दायर हलफनामे के माध्यम से किया है, जो अमृतपाल का पुलिस स्टेशन अजनाला के ठीक बाहर वीडियो टेप किया था.राज्य पुलिस की माने तो अमृतपाल सिंह की ये भड़काऊ बातें पंजाब के युवाओं को गुमराह करने की प्रवृति दर्शाती है, जिसमें दिलावर सिंह की ओर से मानव बम के रूप में काम करने और मुख्यमंत्री की हत्या को वीरतापूर्ण काम बताया जा रहा है.

सीएम मान की जान को किससे है खतरा?

राज्य पुलिस ने अपने विस्तृत जवाब में दावा किया है कि यह आशंका थी कि अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक भविष्य में थी, उनके अपने कट्टरपंथी विचारों के विपरीत कोई भी विचार व्यक्त करने वाले किसी भी व्यक्ति पर गंभीर हमला कर सकते हैं. वह कानून को अपने हाथों में ले सकते हैं और उन सभी को नुकसान पहुंचा सकता है जो उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हो सकते हैं जैसे कि उन्होंने हाल के दिनों में किया है.

नए हिरासत आदेशों को चुनौती

वहीं राज्य सरकार की ओर से यह जवाब अमृतपाल के करीबी सहयोगी सरबजीत सिंह कलसी और गुरमीत सिंह गिल उर्फ गुरमीत भुक्कर वाला की ओर दायर याचिकाओं के जवाब में दाखिल किया गया है. इस साल मार्च में पंजाब सरकार द्वारा पारित अपने नए हिरासत आदेशों को चुनौती दी है.