Maharashtra: महाराष्ट्र पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने माओवाद प्रभावित गोंदिया जिले से 35 साल के जगदीश उइके को हिरासत लिया है. जगदीश ने कुछ दिनों पहले देश के कई ट्रेनों और फ्लाइटों को बम से उड़ाने की धमकी दी थी. पुलिस ने बताया कि साल की शुरूआत से लेकर अबतक PMO समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को 100 से जादा बार धमकी भरा ईमेल भेजा गया था. इस ईमेल में उनके द्वारा आतंकवाद पर लिखी गई पुस्तक पर समर्थन देने को कहा गया था. ऐसा नहीं करने पर ट्रेन और फ्लाइटों को उड़ा देने की बात कही गई थी.
इस बात की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिया गया युवक पहले पीएमओ और अन्य लोगों को अपनी किताब के समर्थन के लिए मेल कर रहा था. किसी भी तरह का कोई जबाव ना मिलने पर उसने फर्जी ईमेल भेजना शुरू कर दिया. पुलिस ने बतयाा कि संदिग्ध व्यक्ति से इससे पहले भी की बार ईमेल भेजने समेत अन्य कई शिकायतों को लेकर दो बार पूछताछ की जा चुकी थी.
PMO से करीबी होने का दावा
पुलिस ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि एक बार उससे आपत्तिजनक ईमेल भेजने के लिए पूछताछ की गई थी. जबकी दूसरी बार नौकरी चाहने वालों के पीएमओ से करीबी होने की उसकी शिकायत पर उससे पूछताछ की गई. अपराध शाखा की ओर से काफी जांच-पड़ताल की गई थी, लेकिन कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया. जिसके बाद अभी हाल के ईमेल के माध्यम से उइके ने कथित तौर पर भारत के भीतर स्लीपर सेल गतिविधि की चेतावनी जारी की. उसने अपनी अपनी धमकियों को अमेरिकी स्रोतों से प्रसारित होने वाली इसी तरह की चेतावनियों के साथ जोड़ा था.
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस का कहना है कि वे इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि उसने इन अमेरिकी स्रोतों से भाषा कैसे ली. उइके की डिजिटल गतिविधि और उसके कम्युनिकेशन के पैटर्न की जांच की जा रही है. पुलिस द्वारा उसके सभी लैपटॉप और भी डिजिटल चीजों को जब्त कर लिया है, जिसका इस्तेमाल उसने ईमेल भेजने के लिए किया जा सकता था.
इसके अलावा उसके कॉल डिटेल को भी खंगाला जा रहा है, साथ ही बैंक खाते और ट्रांजेक्शन के सभी स्त्रोत को खंगाले जा रहे हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ईमेल के माध्यम से अक्टूबर महीने में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को भेजा गया, जिसकी जांच की जा रही है. आरोपी जगदीश उइके को अभी रिमांड पर रखा गया है. जिसे बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है, ताकि उसके उद्देश्यों के बारे में पता लगाया जा सके.