उड़ान के बीच स्पाइसजेट की खिड़की गिरी! महिला और बच्चा सहमे, क्या थी असली वजह?

स्पाइसजेट की गोवा से पुणे जा रही एक फ्लाइट में उस वक्त हड़कंप मच गया जब उड़ान के दौरान एक खिड़की का फ्रेम ढीला होकर निकल गया. हालांकि, एयरलाइन ने स्पष्ट किया कि यह केवल बाहरी सजावटी हिस्सा था और यात्रियों की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ा. घटना के बाद फ्लाइट सुरक्षित रूप से लैंड हुई और खिड़की को ठीक किया गया.

Kuldeep Sharma

मंगलवार को स्पाइसजेट की एक क्यू400 विमान, जो गोवा से पुणे की ओर जा रहा थी, उसमें उड़ान के दौरान खिड़की का आंतरिक फ्रेम अचानक निकल जाने से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. यह घटना उस समय सामने आई जब एक यात्री ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को टैग कर दिया. एयरलाइन ने हालांकि साफ किया कि विमान की संरचना या दबाव प्रणाली पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

स्पाइसजेट ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह खिड़की का 'कॉस्मेटिक' फ्रेम था, जिसका इस्तेमाल सिर्फ छांव देने के लिए होता है और इसका विमान की संरचनात्मक मजबूती या दबाव नियंत्रण से कोई संबंध नहीं था. उन्होंने बताया कि विमान में खिड़की के कई परतें होती हैं, जिनमें से बाहरी परत बेहद मजबूत और दबाव सहन करने में सक्षम होती है. कंपनी ने आश्वस्त किया कि उड़ान के दौरान सभी सुरक्षा मानक सामान्य थे और किसी यात्री को कोई खतरा नहीं था.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

घटना की जानकारी तब फैली जब एक यात्री ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, "गोवा से पुणे की उड़ान में खिड़की का पूरा ढांचा ही गिर गया. अब यह विमान जयपुर के लिए उड़ान भरने वाला है, क्या यह उड़ान लायक है?" इस पोस्ट में DGCA को भी टैग किया गया, जिससे यह मामला और गंभीर बन गया. यात्रियों ने चिंता जाहिर की कि अगर यह फ्रेम उड़ान के दौरान और ढीला होता तो स्थिति खराब हो सकती थी.

'महिला और बच्चा डर से कांप गए'

इस फ्लाइट में सफर कर रहे मंदार सावंत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि घटना टेकऑफ के 30 मिनट के अंदर ही हुई. उनके पीछे की सीट पर बैठी महिला और उसका बच्चा अचानक खिड़की का हिस्सा गिरते देख घबरा गए. सावंत ने बताया, “फ्लाइट अटेंडेंट्स ने हमें शांत कराने की कोशिश की और महिला और उसके बच्चे को दूसरी सीट पर बैठाया. हालांकि, स्टाफ ने अस्थायी रूप से खिड़की को वापस लगाने की कोशिश की, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं था” उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं और इनका संज्ञान लिया जाना जरूरी है.