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प्रतिदिन दिल्ली से आता है रामलला का हार, जानें कैसे होता है प्रभु का श्रृंगार?

अयोध्या में विराजमान रामलला के श्रृंगार प्रतिदिन नई-नई चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उनकी फूलों की माला भी दिल्ली से मंगाई जाती है. रोज अलग-अलग फूलों की माला रामलला को अर्पित की जाती है. 

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Edited By: Mohit Tiwari
lord ram

अयोध्या के राममंदिर में विराजमान रामलला का स्वरूप जितना अनुपम और मनोरम है, वैसे ही मनमोहक उनका श्रृंगार भी है. श्रृंगार के बाद जब प्रभु भक्तों को दर्शन देते हैं तो किसी की निगाह ही प्रभु से नहीं हट पाती है. इस मनोरम और मनमोहक श्रृंगार को करने के लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा खास विधि अपनाई जाती है. 

दिल्ली से आती है माला

रामलला प्रतिदिन जो फूलों की माला धारण करते हैं. उसे नित्य दिल्ली से मंगाया जाता है. इसे विशेष प्रकार की पैकिंग में मंगाया जाता है. श्रृंगार के बाद प्रभु इसको धारण करते हैं. बालक स्वरूप में विराजमान रामलला और उनके तीनों भाइयों को प्रतिदिन अलग-अलग पुष्पों की माला पहनाई जाती है. 

सरयू के जल से होता है अभिषेक 

प्रभु श्रीराम को सुबह साढ़े 4 बजे जागरण कराया जाता है. इसके बाद उनका सरयू के जल से अभिषेक किया जाता है. इस विशेष पूजन के बाद उनका श्रृंगार किया जाता है. इसके बाद प्रभु को वस्त्र और आभूषण पहनाए जाते हैं.इसके बाद प्रभु को कमल,गुलाब आदि पुष्पों की माला अर्पित की जाती है. उन्हें कभी-कभी काजू और किशमिश व इलायची की भी माला पहनाई जाती है. इसके साथ ही प्रभु तुलसीदल का भी हार पहनते हैं. 

बढ़ाई गई है प्रभु की सुरक्षा

प्रभु के बाल स्वरूप के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब उनकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. उनके छह अंगरक्षक हैं. पहले ये तीन थे. अब प्रत्येक 8-8 घंटे में दो-दो सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है. गर्भगृह के पास में ही दो कक्ष भी हैं, इनमें रखी चार अलमारियों में प्रभु के वस्त्र और श्रृंगार का सामान रखा जाता है. शयन के समय उनके आभूषण उतार दिए जाते हैं. 


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