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India Daily

Thackeray Brothers Reunion: बेटों के बीच भी खत्म हुई कड़वाहट, आदित्य और अमित ठाकरे ने एक-दूसरे को लगाया गले

महाराष्ट्र की सियासत में एक नया अध्याय तब लिखा गया, जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे, दो दिग्गज ठाकरे भाई, 20 साल बाद एक मंच पर एकजुट हुए.

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Edited By: Garima Singh
Thackeray
Courtesy: X

Thackeray Brothers Reunion: महाराष्ट्र की सियासत में एक नया अध्याय तब लिखा गया, जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे, दो दिग्गज ठाकरे भाई, 20 साल बाद एक मंच पर एकजुट हुए. यह पुनर्मिलन केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि मराठी अस्मिता और गौरव का प्रतीक बन गया. इस मौके पर उनके बेटे, आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे, भी अपने पिताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आए, जिसने इस आयोजन को और भी खास बना दिया.

मुंबई में आयोजित एक विशाल रैली में हजारों समर्थकों की भीड़ ने मराठी गौरव का उत्सव मनाया. यह रैली उस समय आयोजित की गई, जब राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के दो सरकारी प्रस्तावों को वापस लिया. इस फैसले ने राज्य में भाषाई विवाद को जन्म दिया था, जिसके खिलाफ ठाकरे परिवार ने एकजुट होकर आवाज बुलंद की. रैली में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा का संकल्प दोहराया.

भाइयों और बेटों का मिलन

रैली के दौरान का एक वीडियो दिल को छू लेने वाला था. इसमें उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य और राज ठाकरे के बेटे अमित एक-दूसरे के बगल में खड़े होकर समर्थकों का आभार व्यक्त करते दिखे. तभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने मंच पर आकर दोनों युवा नेताओं का हाथ पकड़ा और उन्हें उनके पिताओं के साथ खड़ा कर दिया. इस दौरान आदित्य अपने चाचा राज के पास और अमित अपने चाचा उद्धव के पास खड़े थे, और सभी ने एक साथ तस्वीरें खिंचवाईं.

20 साल बाद एक मंच पर ठाकरे बंधु

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने 20 साल बाद एक साथ मंच साझा किया. रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा, “उद्धव और मैं 20 साल बाद साथ आ रहे हैं... जो बालासाहेब ठाकरे नहीं कर सके, हजारों अन्य नहीं कर सके, वह देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया.” उद्धव ठाकरे ने केंद्र और राज्य में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की आलोचना करते हुए कहा, “वे कथित तौर पर भारत पर ‘हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान’ का एजेंडा थोप रही है. हम मराठी भाषा में हिंदुत्व की विचारधारा की रक्षा करेंगे.”