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'स्वार्थी है महायुति सरकार, पैसों से तोलती है भाई-बहन का रिश्ता', अजित पवार को लेकर सुप्रिया सुले ने दिया बड़ा हिंट

Supriya Sule on Ajit Pawar: महाराष्ट्र में अभी विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन प्रदेश की सियासत अभी से करवटें लेना शुरू कर चुकी है. इस बीच डिप्टी सीएम अजित पवार की बहन और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए उसे स्वार्थी बताया है और दावा किया है कि वो भाई-बहन के रिश्ते को पैसों से तोलती है.

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Edited By: India Daily Live
Ajit Pawar Supriya Sule
Courtesy: IDL

Supriya Sule on Ajit Pawar: महाराष्ट्र सरकार की लड़की बहन योजना पर निशाना साधते हुए एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने रविवार को धुले में सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर "बेहद स्वार्थी" होने और भाई-बहन के रिश्ते को "पैसे के चश्मे" से देखने का आरोप लगाया. 

चुनावी झटके से उबरने के लिए शुरू की गई स्कीम

धुले जिले में पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए सुले ने दावा किया कि राज्य में महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना, शिवसेना, भाजपा और एनसीपी से मिलकर बनी सत्तारूढ़ महायुति के लिए लोकसभा चुनाव में "झटका" लगने के कारण शुरू की गई है. 

कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना से मिलकर बनी महा विकास अघाड़ी ने इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतकर महायुति गठबंधन को करारी शिकस्त दी थी, जबकि भाजपा ने 2019 में जीती गई 23 सीटों में से 14 सीटें खो दी थीं. राज्य विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं.

प्रचार के बजाय आशा कार्यकर्ताओं को दिया जा सकता था पैसा

सुले ने कहा कि लड़की बहन योजना के प्रचार और विज्ञापन पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. अगर यह पैसा आशा कार्यकर्ताओं को दिया जाता तो वे अगले 10 साल तक काम चला सकती थीं.

सुले ने कहा, "महिलाएं मुझे बताती हैं कि लड़की बहन योजना से ज़्यादा उन्हें सोयाबीन और कपास के लिए अच्छा एमएसपी, बेरोज़गारों के लिए रोज़गार और महंगाई पर लगाम चाहिए. एक आशा कार्यकर्ता ने कहा कि उनके लिए घोषित वेतन वृद्धि के लिए जीआर जारी होना बाकी है."

डर के चलते चुनाव टाल रही है राज्य सरकार

एनसीपी की राज्यसभा सदस्य ने कहा कि राज्य सरकार समझ नहीं पाई है कि महिलाएं क्या चाहती हैं. सुले ने दावा किया कि इस साल अक्टूबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव नवंबर तक टाले जा रहे हैं क्योंकि सरकार डरी हुई है.

सुले ने आरोप लगाया, "यह बेहद स्वार्थी सरकार है. यह भाई-बहन के रिश्ते को पैसे के चश्मे से देखती है.  आपको यह फैसला करना होगा कि आप लोगों द्वारा चुनी गई सरकार चाहते हैं या दो राजनीतिक दलों को तोड़कर बनी सरकार. एक मजबूत और स्थिर एमवीए सरकार आपकी फसलों के लिए पर्याप्त एमएसपी प्रदान करेगी और आपके लंबित जल मुद्दों का समाधान करेगी."

लोकसभा में झटका लगा इस वजह से बनाई ये स्कीम

इस जनसमूह में महिलाएं और किसान भी शामिल थे. सुले ने कहा कि लड़की बहन योजना इसलिए शुरू की गई है क्योंकि लोकसभा चुनाव में सरकार को "झटका" लगा था. सुले ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि एमवीए को वोट देकर महाराष्ट्र को भ्रष्टाचार और महंगाई से मुक्त करें.

एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष ने अपने चचेरे भाई और एनसीपी नेता अजित पवार का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, "लड़की बहन योजना का पैसा लीजिए, क्योंकि यह आपका अपना पैसा है और इसे खर्च कीजिए. कोई भी इसे आपसे वापस नहीं लेगा. सरकार पूरे राज्य में केवल एक ही योजना लेकर घूम रही है. मुझसे पूछिए कि लोकसभा चुनाव से पहले मैं कितनी लड़की बहन थी."