Supreme Court Article 370 Findings in 14 Points: केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने पर आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मोहर लगा दी है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण टिप्पणियां भी कीं.
सीजेआई ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान चलेगा. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. साथ ही कहा है कि केंद्र सरकार का फैसला पूरी तरह से संवैधानिक है. साथ ही सीजेआई के फैसला के 14 बड़े निष्कर्ष सामने आए हैं.
1. विलय पत्र पर हस्ताक्षर होने के बाद जम्मू-कश्मीर के पास संप्रभुता का कोई महत्व नहीं है.
2. जम्मू और कश्मीर के लिए कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है.
3. भारत के राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा को चुनौती देना मान्य नहीं है.
4. राष्ट्रपति की शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति शासन के उद्देश्य के साथ उचित संबंध में होना चाहिए.
5. राज्य के लिए कानून बनाने की संसद की शक्ति, कानून बनाने की शक्ति को बाहर नहीं कर सकती.
6. अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था.
7. संविधान सभा भंग करने के बाद सभा की सिर्फ अस्थायी शक्तियां रह गईं. ऐसे में राष्ट्रपति के आदेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहा.
8. कॉलम 272 का पैरा 2, जिसके द्वारा 370 को अनुच्छेद 367 मे संशोधन करके संशोधित किया गया था, गलत था. क्योंकि व्याख्या खंड का उपयोग संशोधन के लिए नहीं किया जा सकता है.
9. राष्ट्रपति की ओर से सत्ता का उपयोग दुर्भावनापूर्ण नहीं था और राज्य के साथ किसी सहमति की आवश्यकता नहीं थी.
10. धारा 370(1)(डी) के तहत शक्ति के प्रयोग में कॉलम 272 का पैरा 2, भारतीय संविधान के सभी प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर में लागू करना वैध था.
12. जम्मू-कश्मीर के संविधान को निरर्थक घोषित कर दिया गया है.
13. राष्ट्रपति की ओर से सत्ता का उपयोग दुर्भावनापूर्ण नहीं है.
14. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाए. हम लद्दाख को अलग करने के फैसले को बरकरार रखते हैं. हम चुनाव आयोग को पुनर्गठन अधिनियम और राज्य के दर्जे की धारा 14 के तहत जल्द से जल्द चुनाव कराने का निर्देश देते हैं.