उदयनिधि स्टालिन को तमिलनाडु के डिप्टी सीएम बनाये जाने की अटकलें तेज! जानें क्या है इनसाइड स्टोरी?

तमिलनाडु के राजनीतिक गलियारों में आने वाले दिनों में डीएमके नेता और खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन को राज्य के उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं.

Avinash Kumar Singh

नई दिल्ली: तमिलनाडु के राजनीतिक गलियारों में आने वाले दिनों में डीएमके नेता और खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन को राज्य के उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. डीएमके के सूत्रों ने बताया कि एमके स्टालिन के फरवरी में विदेश यात्रा पर जाने की उम्मीद है.  जिससे उदयनिधि स्टालिन के लिए अपने पिता के डिप्टी की भूमिका संभालने का रास्ता साफ हो जाएगा. 21 जनवरी को सेलम में होने वाली DMK यूथ विंग की बैठक के बाद उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा सियासी गलियारों में तेज हो चली है. 

उदयनिधि स्टालिन ने चर्चाओं को करार दिया अफवाह 

DMK के संगठन सचिव टीकेएस एलंगोवन ने उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी CM बनाये जाने के सवाल पर साफ-साफ जवाब नहीं दिया, लेकिन पार्टी में उदयनिधि की सक्रिय भागीदारी को स्वीकार किया. एलंगोवन ने इस बात पर जोर दिया कि अंतिम निर्णय एमके स्टालिन का है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि वह बहुत सक्रिय हैं. वह उपमुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, इसका फैसला केवल मुख्यमंत्री एमके स्टालिन करेंगे. डिप्टी CM बनाये जाने की चर्चाओं को उदयनिधि स्टालिन अफवाह करार दिया है. उदयनिधि ने कहा कि केवल मुख्यमंत्री को ही निर्णय लेना है कि वह किसको अपनी सरकार में कौन सी जिम्मेदारी सौंपते है. 

'DMK में AIADMK के जैसा कोई लोकतंत्र नहीं'

AIADMK प्रवक्ता कोवई सत्यन ने इन चर्चाओं पर बयान देते हुए कहा "यह हम पिछले एक साल से कह रहे हैं. जब से उदयनिधि को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया था. तब वह मंत्री बने और अब उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की खबरें सामने आ रही है. वह 2026 में सीएम का चेहरा होंगे और इससे पता चलता है कि DMK लोकतंत्र के नाम पर परिवारवाद का आदर्श उदाहरण है. पिता, पुत्र, पोते और परपोते ही पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम लोग हैं, जो दर्शाता है कि DMK में AIADMK के जैसा कोई लोकतंत्र नहीं है. जहां एक जमीनी स्तर का कार्यकर्ता भी पार्टी का प्रमुख बन सकता है."

उदयनिधि स्टालिन के बयान पर हुआ था विवाद

बीते दिनों उदयनिधि स्टालिन का विवादित बयान सामने आया था. जिसमें उन्होंने कहा "मैं सम्मेलन को 'सनातन धर्म का विरोध' करने के बजाय 'सनातन धर्म को मिटाओ' कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूं. कुछ चीजें हैं जिसे खत्म करना है, हम केवल विरोध नहीं कर सकते. मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना का हम विरोध नहीं कर सकते बल्कि इन्हें मिटाना है और सनातन धर्म भी ऐसा ही है."