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India Daily

'मायावती के सुरक्षा के प्रति BJP सरकार प्रतिबद्ध...', समर्थन में उतरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच जारी आरोप प्रत्यारोप के बीच नया सियासी मोड़ सामने आया है. सपा से अपनी जान की सुरक्षा का खतरा बताने वाली मायावती को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का समर्थन मिला है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Mayawati

हाइलाइट्स

  • मायावती के समर्थन में उतरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
  • 'मायावती के सुरक्षा के प्रति BJP सरकार प्रतिबद्ध'

नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच जारी आरोप प्रत्यारोप के बीच नया सियासी मोड़ सामने आया है. सपा से अपनी जान की सुरक्षा का खतरा बताने वाली मायावती को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का समर्थन मिला है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए केशव मौर्य ने लिखा "बसपा प्रमुख सुश्री मायावती जी का अपनी सुरक्षा को लेकर सपा पर शंका करना साबित करता है कि अभी भी सपा का चरित्र नहीं बदला है. गेस्ट हाउस कांड में सपा के गुंडों ने बहन मायावती जी की हत्या करने की नापाक कोशिश की थी, बहन मायावती और जनता की सुरक्षा को लेकर सरकार हमेशा सतर्क रही है!"

'मायावती की हत्या करने की नापाक कोशिश'

'मायावती के सुरक्षा के प्रति BJP सरकार प्रतिबद्ध'

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान जारी करते हुए कहा "मायावती उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री हैं, BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. बीजेपी की प्रदेश में सरकार उनकी सुरक्षा के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है. फ्लाईओवर बनाने की शिकायत जो है वे समाजवादी पार्टी की सरकार के समय बनाई गई. समाजवादी पार्टी ने दलित पिछड़ा, गरीब, महिलाएं, किसान के विरोध में सदैव आचरण किया है. बहन मायावती को स्टेट गेस्ट हाउस कांड के समय जीवित भी नहीं छोड़ने की स्थिति थी. बीजेपी ने उन्हें बचाने के लिए लड़ाई लड़ी. हमारे नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की अगुवाई में पूरी ताकत से लोग लड़े थे और उसका परिणाम ये हुआ कि वो सुरक्षित बची."

मायावती ने सपा पर लगाए थे गंभीर आरोप 

दरअसल बीते दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है. सपा मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है. वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं. जिसमें बसपा के प्रदेश कार्यालय के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी शामिल है, जहां से अराजक तत्व पार्टी दफ्तर या राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को हानि पहुंचा सकते हैं.  ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहां कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. साथ ही दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख्ती से निपटे BSP की यह भी मांग है.