नई दिल्ली. सपा के स्टार प्रचारक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह दिखने वाले सुरेश ठाकुर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. उन्नाव जिले के रहने वाले सुरेश पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद करीबी थे. उनकी इस तरह से की गई हत्या को लेकर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
यह भी पढ़ें- दक्षिण की वो वीरांगना 'लक्ष्मीबाई' जिसने अंग्रेजों को चटाई थी धूल, घुटनों पर आ गए थे दुश्मन
अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा सपा के प्रचारक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले सुरेश ठाकुर की पीट-पीट कर हत्या की घटना अत्यंत हृदय विदारक है. सरकार से अपील है कि वह जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही सुनिश्चित करे
भावभीनी श्रद्धांजलि.
सपा के प्रचारक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले सुरेश ठाकुर की पीट-पीट कर हत्या की घटना अत्यंत हृदय विदारक है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2023
सरकार से अपील है कि वह जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही सुनिश्चित करे।
भावभीनी श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/cK0MmaP81P
सपा के स्टार प्रचारक रहे सुरेश ठाकुर को अखिलेश यादव के साथ चुनाव प्रचार के दौरान मंच पर देखा गया था. अखिलेश उनके बहाने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा करते थे. उनकी इस तरह से हुई हत्या से अखिलेश दुखी हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक 28 जुलाई को सुरेश का उनके 2 भाइयों के साथ घरेलू विवाद हुआ था, जिसके बाद दोनों भाइयों ने उन्हें खूब पीटा थी. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. 11 अगस्त को उन्होंने दम तोड़ दिया.
अखिलेश के करीबी सुरेश ठाकुर उन्नाव जिले के चौपाई गांव के रहने वाले थे. उनकी पत्नी ने आरोप लगाया है कि जब वह पुलिस के पास शिकायत लेकर गई तो पुलिस ने कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया और उन्हें थाने से भगा दिया उन्होंने आरोप लगाया है कि आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है.
जैसे ही यह खबर सपा के कार्यकर्ताओं को मिली तो वो अस्पताल के बाहर पहुंच गए. सपा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई का आश्वासन दिलाकर सभी को शांत कराया.
2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव और सुरेश ठाकुर को कई बार साथ देखा गया था. सुरेश अखिलेश के साथ हेलीकॉप्टर में बैठकर चुनाव प्रचार के लिए जाया करते थे.
यह भी पढ़ें- दक्षिण की वो वीरांगना 'लक्ष्मीबाई' जिसने अंग्रेजों को चटाई थी धूल, घुटनों पर आ गए थे दुश्मन