बीरभूम में बड़ा हादसा, पत्थर की खदान धंसने से 6 मजदूरों की मौत, 3 गंभीर घायल
बीरभूम के बहादुरपुर गांव में पत्थर की खदान धंसने से छह मजदूरों की मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गई. घटना के समय खदान में लगभग 12 मजदूर मौजूद थे.
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है. बहादुरपुर गांव में शनिवार को एक पत्थर की खदान का हिस्सा अचानक धंस गया, जिसमें कम से कम छह मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
इस घटना ने इलाके में गहरी चिंता पैदा कर दी है, खासकर तब जब स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां लंबे समय से अवैध खनन और असुरक्षित तरीके से काम चल रहा था.
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार दोपहर मजदूर खदान के क्रशर बेड में काम कर रहे थे. इसी दौरान अचानक बड़ी-बड़ी चट्टानें खिसककर गिर गईं और कई मजदूर मलबे में दब गए. मौके पर मौजूद करीब 12 मजदूरों में से छह की मौके पर ही मौत हो गई. बाकी मजदूरों को बचाने के लिए तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया. इस दौरान घायल तीन मजदूरों को गंभीर हालत में रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां से दो को बाद में बर्दवान मेडिकल कॉलेज रेफर करना पड़ा.
बचाव अभियान और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही नलहाटी थाने की पुलिस टीम और वरिष्ठ जिला अधिकारी मौके पर पहुंचे. शवों को मलबे से निकालने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. पुलिस का कहना है कि अभी यह जांच चल रही है कि खदान का संचालन वैध रूप से किया जा रहा था या नहीं. प्रशासन ने हादसे की विस्तृत जांच का आदेश दिया है.
अवैध खनन पर उठे सवाल
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इलाके में लंबे समय से अवैध खनन हो रहा है और मजदूरों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. उनका कहना है कि खदान मालिक और संचालक केवल मुनाफे पर ध्यान देते हैं और मजदूरों की जान को जोखिम में डालते हैं. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण कई खदानों में पानी भर गया था, जिससे मिट्टी और चट्टानें ढीली होकर धंसने का खतरा और बढ़ गया था.
जांच और आगे की कार्रवाई
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'फिलहाल यह बताना जल्दबाजी होगी कि हादसा किस वजह से हुआ. हमारी टीम मौके पर है और जांच कर रही है कि खदान अवैध रूप से चल रही थी या नहीं.' प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर अवैध खनन या सुरक्षा नियमों की अनदेखी पाई जाती है तो जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इस हादसे से क्षेत्र के अन्य खदान मजदूरों में भी डर का माहौल है.