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18 साल की नर्सिंग स्टूडेंट से छेड़खानी, अपहरण की कोशिश; महाराष्ट्र में 2 ट्रैफिक पुलिसकर्मी, 1 CISF जवान समेत 6 गिरफ्तार

Nursing Student Molesting: सिंधुदुर्ग जिले में 18 साल की नर्सिंग छात्रा से छेड़छाड़ और अपहरण का प्रयास करने के आरोप में वसई के दो ट्रैफिक पुलिस कर्मियों, एक सीआईएसएफ जवान, एक एसआरपीएफ कर्मी और दो सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. जब राहगीरों ने हस्तक्षेप किया तो आरोपी नशे में थे और ड्यूटी पर नहीं थे. उन्हें ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है और वे फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: pinterest

Nursing Student Molesting: सिंधुदुर्ग जिले के देवगढ़ तालुका की 18 साल की नर्सिंग छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने और उसका अपहरण करने की कोशिश करने के आरोप में वसई के दो ट्रैफिक पुलिस कर्मियों, एक सीआईएसएफ जवान, एक राज्य रिजर्व पुलिस बल कर्मी और दो सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. छात्रा मंगलवार को कॉलेज से घर लौट रही थी. नशे में धुत और बिना वर्दी के छह लोगों ने छुट्टी ली थी और वसई से किराए की एसयूवी में गोवा जा रहे थे.

छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि शाम करीब 5.30 बजे एसयूवी जामसांडे गांव में मेरे पास रुकी. थोड़ी देर बाद कार चली गई. इस दौरान उन्होंने भद्दे कमेंट्स किए. छात्रा के मुताबिक, वे वापस आए और कार से उतर गए. फिर मुझे जबरन कार की ओर खींचने लगे. जब छात्रा ने चिल्लाकर राहगीरों को सचेत किया, तो आरोपी सहमे, लेकिन तब तक पहुंची भीड़ ने उनकी पिटाई कर दी और पुलिस को इसकी जानकारी दी.

आरोपियों में से पांच नांदेड़, जबकि एक बदलापुर का रहने वाला है

मीरा-भायंदर वसई-विरार कमिश्नरेट (MBVV) ने वसई ट्रैफिक कांस्टेबल हरिराम गिथे (34) और प्रवीण रानाडे (33) को गुरुवार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने और पुलिस बल की सार्वजनिक छवि खराब करने के आरोप में निलंबित कर दिया. एक सूत्र ने बताया कि हरिराम, प्रवीण, माधव केंद्रे (32), श्याम गिथे (32), सतवा केंद्रे (32) और शंकर गिथे (33) के खून में अल्कोहल की मात्रा का पता लगाने के लिए मेडिकल जांच की गई है. एसयूवी को जब्त कर लिया गया है. आरोपियों में से पांच नांदेड़ जिले के हैं, जबकि एक ठाणे के बदलापुर का रहने वाला है.

नाबालिग छात्रा की पुलिस शिकायत के अनुसार, शाम करीब 5.30 बजे, हरिराम ने जमसांडे गांव में राज्य परिवहन बस डिपो के पास एसयूवी रोकी और पता पूछने के बहाने उसके पास पहुंचा. लड़की के दूर जाने की कोशिश करने के बावजूद, हरिराम ने उसका पीछा किया और अश्लील टिप्पणी करते हुए उसे वसई चलने का सुझाव दिया. स्थिति तब और बिगड़ गई जब अन्य पांच लोग एसयूवी से बाहर निकल आए और उनमें से एक ने कथित तौर पर दूसरों से उसे कार में डालने के लिए कहा.

शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने नाबालिग छात्रा का हाथ पकड़ लिया और उसे एसयूवी की ओर घसीटना शुरू कर दिया. किशोरी ने शोर मचाया, जिससे राहगीरों का ध्यान उसकी ओर गया, जिन्होंने एसयूवी को घेर लिया और उन लोगों की पिटाई की. आरोपियों ने माफ़ी मांगी और उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाने से पहले सड़क पर बैठने के लिए मजबूर किया गया, जहां हरिराम और प्रवीण ने खुद को वसई ट्रैफ़िक पुलिस के रूप में पहचाना, एक ने कहा कि वह CISF का जवान है, दूसरे ने कहा कि वह SRPF का कर्मचारी है और बाकी दो ने खुद को सरकारी कर्मचारी बताया.

आरोपियों के खिलाफ BNS की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज

छह लोगों के खिलाफ BNS की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें शील भंग करने, अश्लील टिप्पणी करने और अपहरण से संबंधित धाराएं शामिल हैं. देवगढ़ के पुलिस निरीक्षक अरुण देवकर ने कहा कि सभी छह आरोपियों को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. 

निलंबन आदेश के अनुसार, रिहाई के बाद, हरिराम और प्रवीण को मीरा रोड स्थित एमबीवीवी मुख्यालय में रिपोर्ट करना होगा और अगली सूचना तक वे क्षेत्राधिकार से बाहर नहीं जा सकेंगे. अप्रैल में, ड्यूटी के दौरान रिकॉर्ड किए जाने पर आपत्ति जताने पर तुलिंज पुलिस स्टेशन के अंदर एक व्यापारी की ओर से थप्पड़ मारे जाने के बाद प्रवीण का एक दांत टूट गया था. 

गुरुवार को विधायक नितेश राणे के नेतृत्व में स्थानीय लोग देवगढ़ पुलिस स्टेशन पहुंचे और अधिकारियों से कहा कि वे संबंधित सरकारी विभागों से छह आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आग्रह करें. उन्होंने किशोर को बचाने वाले स्थानीय लोगों की भी सराहना की.