Muizzu To Visit Delhi: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में भारत की यात्रा पर आएंगे. इस यात्रा को रिश्तों में कड़वाहट के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. मामले से परिचित लोगों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
मुइज़ू, जो पिछली बार 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए छह अन्य क्षेत्रीय देशों के नेताओं के साथ नई दिल्ली आए थे, 6-10 अक्टूबर के दौरान द्विपक्षीय यात्रा के लिए भारत में रहने वाले हैं. दोनों पक्षों के लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मोदी सहित भारतीय नेतृत्व के साथ उनकी बैठकें 7 अक्टूबर को निर्धारित हैं.
नवंबर 2023 में राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज़ू की यह पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा है, जिसका श्रेय 'इंडिया आउट' कैंपेन को जाता है, लेकिन दोनों देशों की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है. मालदीव की भारत पर निर्भरता कम करने के लिए उनकी सरकार के प्रयासों और तीन विमानों को संचालित करने के लिए हिंद महासागर द्वीपसमूह में तैनात लगभग 85 भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग ने द्विपक्षीय संबंधों को नए निचले स्तर पर पहुंचा दिया है.
पिछले दिसंबर में मुइज़ू की सरकार, जिसे चीन समर्थक माना जाता है, ने भारत के साथ संयुक्त हाइड्रोग्राफ़िक सर्वेक्षण के लिए 2019 के समझौते को समाप्त कर दिया. इसके बाद चीन और तुर्की के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए.
हालांकि, हाल के महीनों में समग्र संबंधों में नरमी के संकेत मिले हैं. भारत की ओर से मुख्य रूप से मानवीय मिशनों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दो हेलीकॉप्टरों और एक विमान का संचालन और रखरखाव करने वाले सैन्य कर्मियों की जगह असैन्य विशेषज्ञों को नियुक्त करने के कुछ ही समय बाद, मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित क्षेत्रीय नेताओं की सूची में मुइज़ू का नाम भी शामिल होना एक आश्चर्यजनक बात थी.
ऊपर बताए गए लोगों में से एक ने कहा कि मालदीव की ओर से बयानबाजी में निश्चित रूप से कमी आई है. अब दोनों पक्ष चीजों को आगे बढ़ाने और संबंधों को मजबूत करने के तरीकों की तलाश करेंगे. लोगों ने बताया कि नई दिल्ली में अपने कार्यक्रमों के अलावा, मुइज़्ज़ू के व्यापार से संबंधित कार्यक्रमों और मालदीव के प्रवासियों के साथ बातचीत के लिए मुंबई और बेंगलुरु की यात्रा करने की उम्मीद है. बेंगलुरु में मालदीव के काफी नागरिक रहते हैं.
जून में मुइज्जू की यात्रा के बाद अगस्त में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव का दौरा किया था, जहां दोनों पक्षों ने द्वीपसमूह में भारत की एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और भारतीय अनुदान और ऋण से निर्मित कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था.
इस बात के संकेत खुद मुइज़ू से मिले, जब उन्होंने जयशंकर के साथ बैठक में भारत को मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी और अमूल्य साझेदार बताया. इस महीने की शुरुआत में, मुइज़ू के प्रवक्ता ने घोषणा की कि वह बहुत जल्द भारत का दौरा करेंगे, उसी दिन जब मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के लिए जनवरी में निलंबित किए गए दो जूनियर मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुइज्जू ने यह भी कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने वाले उप-मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की है. प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक एंड इंटरनेशनल अफेयर्स के 'डीन्स लीडरशिप सीरीज' में बातचीत में मुइज्जू ने कहा कि उप मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करना गलत था.
मालदीव के स्थानीय मीडिया आउटलेट अधाधु के अनुसार उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए. मैंने इसके खिलाफ़ कार्रवाई की है. मैं किसी का भी इस तरह अपमान नहीं करूंगा, चाहे वह नेता हो या आम आदमी. हर इंसान की अपनी प्रतिष्ठा होती है.
इस वर्ष के प्रारंभ में उप युवा मंत्री मालशा शरीफ और मरियम शिउना ने सोशल मीडिया पोस्ट में मोदी को अपशब्द कहे थे. इस घटना के बाद दोनों को सवेतन निलंबित कर दिया गया था, जिसके कारण मालदीव और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया था. हालांकि, दोनों ने उसी दिन इस्तीफा दे दिया, जिस दिन राष्ट्रपति मुइज़ू ने इस साल जून में मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत आने की घोषणा की थी.
भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर मुइज़ू ने कहा कि हम कभी भी किसी एक देश के खिलाफ़ नहीं रहे हैं. मालदीव को अपनी धरती पर विदेशी सैन्य उपस्थिति के कारण गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा. मालदीव के लोग देश में एक भी विदेशी सैनिक नहीं चाहते हैं.
इस साल की शुरुआत में चीन की अपनी द्विपक्षीय यात्रा के बाद मुइज़ू ने भारत का नाम लिए बिना उसे धमकाने वाला देश बताया था. उन्होंने कहा था कि हम भले ही एक छोटे देश हैं, लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता. अमेरिका में मालदीव के राष्ट्रपति की नई टिप्पणी नई दिल्ली और माले के बीच रक्षा वार्ता के कुछ सप्ताह बाद आई है, जहां उन्होंने चल रही रक्षा सहयोग परियोजनाओं और आगामी द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों पर चर्चा की थी.