Religious Leaders on Rahul Gandhi Remark: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र राहुल गांधी की स्पीच के बाद हंगामेदार हो चुका है, जहां पर विपक्ष के नेता के रूप में कांग्रेस सांसद ने हिंदू समाज पर कथित विवादित टिप्पणियां की. इन बयानों पर बीजेपी ने तो अपनी आपत्ति जताई ही लेकिन अब यह हंगामा सड़क तक पहुंच गया है.
राहुल गांधी ने हिंदू समाज और अहिंसा को लेकर दिए गए ऐसा बयान दिया है जिसके बाद अलग-अलग धर्मों के धर्मगुरुओं ने राहुल गांधी को सलाह दे डाली है और कहा है कि अगर किसी भी धर्म के बारे में टिप्पणी करते हैं तो उससे पहले उनके बारे में पढ़ लेना और समझ लेना जरूरी है. राहुल गांधी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिना धर्म और अहिंसा के कॉन्सेप्ट के बारे में समझे उस पर कुछ भी टिप्पणी करना गलत बात है.
उल्लेखनीय है कि सोमवार को लोकसभा सेशन के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना और इसी दौरान उन्होंने भगवान शिव की अभयमुद्रा का जिक्र करते हुए उनकी एक तस्वीर भी सदन में दिखाई. बयान पर खुद पीएम मोदी ने आपत्ति जताई. हालांकि राहुल रुके नहीं और अलग-अलग धर्मों का उदाहरण देते हुए मोदी सरकार पर अहिंसा का हाथ थामने की बात कही. अब इसी को लेकर धर्म गुरुओं ने राहुल गांधी को पढ़कर जवाब देने की सलाह दी है.
हिंदू धर्मगुरू स्वामी अवधेशानंद गिरी ने राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हमारा समाज हमेशा से ही अहिंसक और उदार रहा है और हर प्राणी में ईश्वर का रूप देखता रहा है. वो पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखते हैं और हमेशा सभी के कल्याण, खुशी और इज्जत की प्रार्थना करने में विश्वास रखते हैं. हिंदुओं के खिलाफ राहुल गांधी की ये टिप्पणी अपमानजनक और निंदनीय है. हिंदुओं को हिंसक कहना या नफरत फैलाने वाला कहकर आप पूरे समाज को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. राहुल गांधी को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए. इससे पूरा संत समाज नाराज है.
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन सैय्यद नशरुद्दीन चिश्ती ने भी राहुल गांधी को कुछ भी न बोलने की नसीहत देते हुए कहा कि इस्लाम में मूर्ति पूजा का जिक्र तक नहीं है और ऐसे में इस्लाम में अभयमुद्रा की बात करना गलत है. इस्लाम में कोई मुद्रा नहीं है और मैं इस बात का खंडन करता हूं. राहुल गांधी को अफने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
वहीं अजमेर शरीफ दरगाह के हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने भी संसद में राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अभयमुद्रा का कोई कनेक्शन इस्लाम से नहीं हैं, बिना इस्लाम पढ़े उसके बारे में बयानबाजी करना ठीक नहीं है. इस्लाम में किसी भी तरह के प्रतीकात्मक मुद्रा का जिक्र नहीं है और इसे इस्लाम के आदर्शों से जोड़ना ठीक नही है. इतनी समझ तो राहुल गांधी को भी होनी चाहिए.
बिहार में गुरुद्वारा पटना साहिब के अध्यक्ष जगजोत सिंह ने भी राहुल गांधी के बयान की निंदा की है और कहा है कि यह दिन बहुद दुखद है. राहुल गांधी जिस तरह से आधी-अधूरी जानकारी के साथ धर्म पर संसद में टिप्पणी कर रहे हैं और उनका मजाक बना रहे हैं ये कहीं से भी ठीक नहीं है. सदन के पटल पर अधूरी और गलत जानकारी देना बचकाना है, मेरी सलाह है कि उन्हें बिना जानकारी के गलत बयानी करने से बचना चाहिए.