जम्मू और कश्मीर के जंगलों में लगी आग अभी तक बुझी नहीं है. राजौरी जिले के जंगलों में भीषण आग लगी है, जिसे बुझाया नहीं जा सकता है. लगातार अलग-अलग इलाकों से आग लगने की खबरें सामने आ रही हैं. वन अधिकारी ड्रोन से जंगलों पर नजर रख रहे हैं लेकिन आग बुझाना अब भी एक मुश्किल काम नजर आ रहा है. यही हाल हिमाचल प्रदेश के शिमला का भी है. घाटी के जंगली इलाकों में लगी आग को बुझाने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. एक जगह आग बुझ रही है तो दूसरी जगह लग जा रही है. 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा बढ़ा पारा, लोगों का जीना मुहाल कर रहा है.
राजौरी फॉरेस्ट प्रोटेक्शसन फोर्स के सहायद निदेशक बलवंत सिंह ने कहा है कि बीते साल की तुलना में इस साल जगह-जगह जंगल धधकने की खबरें सामने आ रही हैं. गर्मी चरम पर है इसलिए जंगल में आग भी ज्यादा लग रही है. अब तक 8 जगहों पर आग लग चुकी है. ये आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. ड्रोन से जंगलों में लगी आग पर नजर रखी जा रही है. वन रक्षकों की रणनीतियां काम नहीं आ रही हैं और जंगल लगातार सुलग रहे हैं. सबसे बड़ी आफत ये है कि जानवरों की जान खतरे में पड़ गई है. न उन्हें पानी मिल रहा है, न ही खाना.
हिमाचल प्रदेश के शिमला में भी जंगली इलाकों में जमकर आग लग रही है. जिस शिमला में लाखों पर्यटक गर्मीभर आते हैं वहीं की हवाएं जंगल में आग लगने की वजह दमघोंटू हो रही हैं. डाउन टू अर्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक शिमला में बीते एक हफ्ते में 100 से ज्यादा बार आग लग गई है. 29 मई को तूतीकुंडी में भीषण आग लगी थी, तब से आग थमी नहीं है.
Apocalyptic movie scenes
— Sidharth Shukla (@sidhshuk) May 30, 2024
Forest fires continuing
Have reached Sankat Mochan area in Shimla and also Sanawar school apparently
Where is the forest department?
Where are the helicopters?
All available for elections but not for this? #shimla #HimachalPradesh #forestfires pic.twitter.com/NQJkMBjQze
शिमला में संकटमोचन, शीलगांव, तारादेवी, कच्चीघाटी, नेरी, कंडा क्रॉसिंग और कम्याणा जैसे इलाकों में भीषण आग लग चुकी है. आलम ये है कि उस रूट से गुजरने वाली ट्रेनों को रुकना पड़ता है, कभी पूरे का पूरा गांव दहशत के साए में जीता है. आग बुझाने में प्रशासन हांफ जा रहा है. एक तरफ तापमान भीषण है, दूसरी तरफ लोगों का निकलना मुहाल है.
बिहार से लेकर ओडिशा तक, भीषण गर्मी और लू की वजह से लोगों की मौत हो रही है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि भीषण गर्मी की वजह से कई राज्यों में मौतें हुई हैं लेकिन आधिकारिक आकंड़े, परिजन के पोस्टमार्टम न कराने की वजह से नहीं बढ़ रहे हैं. बारिश न होने की वजह से स्थितियां और भयावह हो रही हैं.
#WATCH | Rajouri, Jammu & Kashmir | Forest Fire is still in the Nowshera subdivision in Chingus and Sunderbani Range as the region experiences temperature rise and thus heatwaves. pic.twitter.com/werYWATFXo
— ANI (@ANI) May 31, 2024
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत में औसत तापमान 45 डिग्री पार कर गया है. तटीय इलाकों में भी लोगों का हाल बेहाल है. लू लोगों की जान ले रही है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अब तक 70 से ज्यादा लोगों की अलग-अलग राज्यों में मौत हो चुकी है.
उत्तर पश्चिमी हिस्से में मानसून ने दस्तक दे दी है. 5 जून तक मानसून अरुणाचल पर्देश, त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम और पूर्वोत्तर के राज्यों तक पहुंच सकता है. 5 जून के बाद ही मानसून देशभर की ओर चलेगा. उत्तर भारत के लोगों से मानसून अभी दूर है, जून में इसके आने की संभावना है.