Sandeshkhali Row: संदेशखाली मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल की ममता सरकार को फटकार लगाई है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि संदेशखाली में कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
कोर्ट ने आरोपों के संबंध में कथित निष्क्रियता के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई. उच्च न्यायालय ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि क्षेत्र की घटनाओं की सूचना राज्य पुलिस को चार साल पहले दी गई थी और मामलों को 42 आरोपपत्रों को बनाने में चार साल लग गए.
बता दें कि कोर्ट का स्पष्टीकरण तब आया है जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने रविवार रात दावा किया कि बंगाल सरकार शाहजहां को गिरफ्तार करने में असमर्थ है क्योंकि अदालत ने पुलिस के हाथ बांध दिए हैं. अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जो शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं उन्हें कोर्ट से पूछना चाहिए कि क्यों सरकार के हाथ बांधे गए. बनर्जी ने बीजेपी पर आरोप लगते हुए कहा कि इस मामले माइलेज लेने की कोशिश कर रही है.
अदालत को बताया गया कि पिछले साल दिसंबर तक 43 एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिनमें से 42 में आरोपपत्र दायर किए गए थे.अदालत को बताया गया कि आदिवासी समुदाय के सदस्यों की जमीन हड़पने के मामले में सात मामले दर्ज किए गए हैं.
संदेशखाली का मामला राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है. हर दिन वहां से कोई न कोई खबर आ रही है. इस महीने की शुरुआत में कई महिलाओं द्वारा तृणमूल नेता शाजहान शेख और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया. इसके बाद संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने कहा कि उसे टीएमसी नेता और उनके सहयोगियों के खिलाफ आदिवासी परिवारों से "यौन शोषण और भूमि हड़पने" की 50 शिकायतें मिली हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अशांत क्षेत्र से लगभग 1,250 शिकायतें मिली हैं, जिनमें 400 भूमि मुद्दों से संबंधित हैं.
ईडी की टीम पर 5 जनवरी को संदेशखाली में हमला हुआ था, इसमें अधिकारी घायल हुए थे. इस घटना के बाद से ही शेख शाहजहां फरार चल रहा है. संदेशखाली में पिछले कुछ दिनों में आगजनी और तोड़फोड़ के साथ कई हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.