जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद भारत में अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह चुनाव 9 सितंबर को होगा और इसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट देंगे. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव परिणाम बीजेपी-नेता एनडीए के पक्ष में लगभग तय है क्योंकि उनके पास संख्या बल है. उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीद है कि विपक्ष को भी इसमें शामिल किया जाएगा. इस चुनाव को लेकर राजनीतिक दल तैयारी कर रहे हैं, खासकर विपक्ष एक साझा उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहा है.
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है. इसमें नॉमिनेटेड सदस्यों को भी वोट देने का अधिकार है. वर्तमान में कुल 782 सदस्य वोटिंग में भाग लेंगे. थरूर ने बताया कि इस चुनाव में राज्य विधानसभा के सदस्य शामिल नहीं होते, जो राष्ट्रपति चुनाव से अलग हैं. वर्तमान में एनडीए के पास संसद में स्पष्ट बहुमत है, जिससे चुनाव में उनकी जीत की संभावना मजबूत दिखती है. लेकिन विपक्ष भी अपने साझा उम्मीदवार के समर्थन के लिए प्रयासरत है ताकि मुकाबला किया जा सके.
गौरतलब है कि शशि थरूर पिछले कुछ समय से कांग्रेस पार्टी के साथ कुछ मतभेदों के कारण सुर्खियों में हैं. हाल ही में उन्हें मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के संदेश को विदेशों में पहुंचाने के लिए बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया था, जिसके लिए कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी. इसके अलावा थरूर ने विदेश यात्रा के दौरान मोदी की प्रशंसा की, जिससे पार्टी में असंतोष बढ़ा है. संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान थरूर ने चुप्पी साध रखी थी, जिसे उन्होंने ‘मौन व्रत’ बताया.
उपराष्ट्रपति पद का चुनाव 9 सितंबर को होगा. मतदान संसद भवन के फर्स्ट फ्लोर पर स्थित कमरे F-101 में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा. चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की रणनीतियां और गठबंधन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि जगदीप धनखड़ ने अपने कार्यकाल के बीच में ही इस्तीफा दिया था, जो इस पद पर पहले कभी नहीं हुआ. उनके इस्तीफे के पीछे की वजहें स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन इससे उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू हो गई.