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India Daily

सऊदी बस अग्निकांड में हैदराबाद के एक ही परिवार के 18 सदस्यों की दर्दनाक मौत, तीन पीढ़ियां खत्म

सऊदी अरब में उमरा यात्रियों से भरी बस में आग लगने से 45 भारतीयों की मौत हो गई. इनमें हैदराबाद के एक ही परिवार के 18 लोग शामिल थे. तीन पीढ़ियों का पूरा कुनबा एक पल में खत्म हो गया.

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Edited By: Kuldeep Sharma
faimily file photo india daily
Courtesy: social media

नई दिल्ली: सऊदी अरब में उमरा पूरा कर लौट रहे भारतीय यात्रियों की बस हादसे का शिकार हो गई. इस घटना ने देश को झकझोर दिया है. मक्का से मदीना जा रही बस डीजल टैंकर से टकराई और देखते ही देखते आग की लपटों में बदल गई.

इस त्रासदी में 45 भारतीयों की जान चली गई, जिनमें हैदराबाद के एक ही परिवार के 18 सदस्य शामिल थे. तीन पीढ़ियों के लोग बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबकी जिदगियां पल भर में राख बन गईं. रिश्तेदार न्याय और गहन जांच की मांग कर रहे हैं.

18 लोगों वाला कुनबा खत्म

हैदराबाद के मुसीराबाद का शेख नसीरुद्दीन का परिवार इस यात्रा के लिए कई हफ्तों से तैयारियां कर रहा था. नसीरुद्दीन, उनकी पत्नी अख्तर बेगम, बेटा, दो बेटियां, बहू और बाकी रिश्तेदार एक ही बस में सवार थे. रिश्तेदार बताते हैं कि यह परिवार उमरा पूरा कर बेहद खुश था, घर लौटने की बातें कर रहा था. लेकिन बस के टैंकर से टकराते ही लगी भीषण आग ने पूरा परिवार हमेशा के लिए खत्म कर दिया. घर में अब सिर्फ खामोशी और मातम बचा है.

'हमारे 18 लोग खत्म हो गए'

मोहम्मद असलम, जो पीड़ित परिवार के चचेरे भाई हैं, सदमे में हैं. वह रोते हुए कहते हैं, 'हमारे पूरे 18 लोग चले गए… सब खत्म हो गया. हम चाहते हैं कि पूरी जांच हो और जो भी जिम्मेदार है, उसे सजा मिले.' उनकी आवाज हर वाक्य में टूट जाती है. उनका कहना है कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि ऐसी त्रासदी है जिसकी चोट पीढ़ियों तक महसूस की जाएगी.

एक और परिवार पूरी तरह उजड़ गया

इस भीषण हादसे ने सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई घरों के चिराग बुझा दिए. साबिहा बेगम, उनका बेटा इरफान, बहू हुमैरा और दो छोटे बच्चे हामदान और इजान भी इसी यात्रा पर थे. रिश्तेदार बताते हैं कि बच्चे पहली बार उमरा के लिए गए थे और बेहद उत्साहित थे. लेकिन कुछ ही सेकंड में पूरा परिवार जलकर खत्म हो गया. उनका कहना है कि यह दर्द किसी भी शब्द में बयान नहीं किया जा सकता.

हज कमिटी ने जांच और मदद का दिया आश्वासन

तेलंगाना स्टेट हज कमिटी के चेयरमैन गुलाम अफजल बियाबानी ने कहा कि निजी ऑपरेटरों पर उनका अधिक नियंत्रण नहीं है, लेकिन परिवारों को हर संभव सहयोग दिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि वे लगातार सऊदी अधिकारियों से संपर्क में हैं और संबंधित परिवारों को जानकारी तथा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त की.

कौन है जिम्मेदार?

अब बड़ा सवाल यही है कि इतने भयावह हादसे का जिम्मेदार कौन है. क्या बस चालक की गलती थी, प्राइवेट ऑपरेटर की लापरवाही थी, या सुरक्षा मानकों में भारी कमी? पीड़ित परिवार साफ कहते हैं कि यह हादसा नहीं, लापरवाही की एक लंबी कड़ी है, जिसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए. उनका कहना है कि '18 सपने, 18 जिंदगियां और 18 कहानियां ऐसे ही खत्म नहीं हो सकतीं.'