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Lok Sabha Election 2024: उद्धव ठाकरे के चलते महाविकास अघाड़ी में पड़ी फूट! जानें क्यों अपने दल के ही नेता पर बरसे संजय निरुपम

Lok Sabha Election 2024: इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर MVA का तीखा तेवर देखने को मिला है. सीट बंटवारे पर फाइनल सहमति बनने से पहले ठाकरे की ओर उम्मीदवार के ऐलान के बाद संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे पर करारा हमला बोला है.

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Edited By: India Daily Live
Uddhav Thackeray and Sanjay Nirupam

Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर महाविकास अघाड़ी का तीखा तेवर देखने को मिला है. दरअसल, उद्धव ठाकरे की ओर से मुंबई की उत्तर पश्चिम सीट से उम्मीदवार के रूप में अमोल कीर्तीकर के नाम का ऐलान कर दिया गया है. इस सीट पर कांग्रेस नेता संजय निरुपम की ओर से दावेदारी पेश की जा रही थी. शीट बंटवारे पर जारी चर्चा के दौरान ठाकरे की ओर से उम्मीदवार की घोषणा करने पर संजय निरुपम ने आलोचना की है. 

संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे द्वारा मुंबई की उत्तर पश्चिम सीट से अमोल कीर्तीकर को उम्मीदवार घोषित करने के फैसले पर निराशा जताई है. निरुपम ने ठाकरे पर निशाना साधते हुए अपने एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर लिखा-  कल शाम बची-खुची शिवसेना के प्रमुख ने अंधेरी में उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से MVA का उम्मीदवार घोषित कर दिया. रात से ही फोन आ रहे हैं. ऐसा कैसे हो सकता है?

संजय निरुपम ने कहा कि MVA की दो दर्जन मीटिंग होने के बावजूद अभी तक सीट शेयरिंग पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. जो 8-9 सीटें पेंडिंग हैं, उनमें यह सीट भी है, ऐसा कांग्रेस के उन साथियों ने मुझे बताया है,जो सीट शेयरिंग की बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं.

शिवसेना ने गठबंधन धर्म का उल्लंघन किया

संजय निरुपम ने आगे लिखा कि सीट शेयरिंग पर अंतिम निर्णय नहीं होने के बाद भी शिवसेना की ओर से उम्मीदवार का घोषणा करना गठबंधन धर्म का उल्लंघन नहीं है क्या? या फिर कांग्रेस को नीचा दिखाने के लिए ऐसी हरकत जानबूझकर की जा रही है? कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को हस्तक्षेप करना चाहिए. शिवसेना की तरफ से जिस उम्मीदवार का नाम प्रस्तावित किया गया है,वह कौन है? खिचड़ी स्कैम का घोटालेबाज है. उन्होंने खिचड़ी सप्लायर से चेक में रिश्वत ली है.

'खिचड़ी घोटाले में शामिल था अमोल कीर्तिकर'

शिवसेना उम्मीदवार पर खिचड़ी स्कैम में शामिल होने का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि कोरोना काल के दौर में मजबूर प्रवासी मजदूरों को BMC की तरफ़ से मुफ़्त भोजन उपलब्ध कराने का सराहनीय कार्यक्रम था. ग़रीबों को खाना खिलाने के स्कीम में से शिवसेना के प्रस्तावित उम्मीदवार ने कमीशन खाया है. ईडी पूरे मामले की जांच कर रही है. उन्होंने आगे लिखा कि क्या ऐसे घोटालेबाज उम्मीदवार के लिए कांग्रेस और शिवसेना के कार्यकर्ता प्रचार करेंगे? दोनों पार्टी के नेतृत्व से विनम्रतापूर्वक मेरा यह सवाल है?