Rajya Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस (Congress) ने आम आदमी पार्टी (AAP) और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ गठबंधन के तहत बड़े स्तर पर सीट शेयरिंग समझौते पर मुहर लगाई. हालांकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला INDIA गठबंधन, महाराष्ट्र में शिव सेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) और बंगाल की तृणमूल कांग्रेस के करार को अभी तक अंतिम रूप नहीं दे पाया है.
इसी बीच आज यानी मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में भाजपा के लिए क्रॉस वोचिंग की खबरों ने INDIA गठबंधन की पार्टियों खासकर कांग्रेस को परेशान कर दिया है. हालांकि उत्तर प्रदेश में सपा भी इस परेशानी से जूझ रही है.
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. यहां भाजपा के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा है. दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को यहां बराबर-बराबर वोट मिले थे. उधर उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने आठों सीटों पर अपनी जीत का परचम लहरा दिया है.
कर्नाटक राज्यसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए है जिसमें कांग्रेस ने 3 और बीजेपी ने एक सीट पर जीत हासिल की है. बता दें कि कर्नाटक की चार राज्यसभा सीटों के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में थे. कांग्रेस के सभी तीन उम्मीदवार अजय माकन, सैयद नासिर हुसैन, जी सी चंद्रशेखर और बीजेपी उम्मीदवार नारायणसा भदागे ने जीत दर्ज की है.
Karnataka Deputy CM D.K. Shivakumar says, "This shows the unity and integrity of Congress. I thank all the MLAs, party workers and the media. I'm very happy to inform you that all Congress candidates have won. I thank all voters, CM and party workers and the AICC President also.… https://t.co/O2Q1LXNZdI pic.twitter.com/kYKRkLflcY
— ANI (@ANI) February 27, 2024
जीत के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा,'यह जीत कांग्रेस की एकता और अखंडता को दर्शाती है. मैं सभी विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडिया का धन्यवाद करता हूं. मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. मैं सभी वोटर्स, सीएम, पार्टी कार्यकर्ताओं और ऑल इंडिया कांग्रेस अध्यक्ष का धन्यवाद करता हूं.'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में छह कांग्रेस विधायकों, तीन स्वतंत्र विधायकों और उत्तर प्रदेश में सात सपा विधायकों की ओर से क्रॉस वोटिंग के बाद विपक्ष को बड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है. अप्रत्याशित रूप से 16 वोट भाजपा के उम्मीदवारों को मिले हैं. अब पार्टी हर राज्य में एक अतिरिक्त सीट पर दावा करने और लोकसभा चुनाव से पहले अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने में सफल होती दिखाई दे रही है.
कांग्रेस शासित एक अन्य राज्य कर्नाटक में भी क्रॉस-वोटिंग की फुसफुसाहट है, जहां भाजपा की सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) ने पांचवां उम्मीदवार खड़ा किया है. लोकसभा चुनाव से पहले इसे INDIA गठबंधन के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें भाजपा ने 370 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस चुनाव में कांग्रेस की हार होती है तो अन्य राज्यों में सीट-शेयर समझौते पर बातचीत करना और भी मुश्किल हो जाएगा. बंगाल समेत अन्य राज्यों में कांग्रेस पहले से ही दबाव में है.
इस साल उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव हुआ है. इनमें से 252 विधायकों (साथ ही 18 सहयोगियों के वोट) के साथ भाजपा के पास सात सीटें तय हैं, जबकि 108 विधायकों और मुट्ठी भर सहयोगियों के साथ सपा तीन सीटों पर वापसी की उम्मीद कर रही है. लगता है कि सपा के 7 विधायकों की क्रॉस वोटिंग और जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल के समर्थन की बदौलत भाजपा आठवीं सीट भी जीत सकती है. आरएलडी आधिकारिक तौर पर अभी भी INDIA गठबंधन का सदस्य है, लेकिन जल्द ही इसके भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन NDA में शामिल होने की उम्मीद है.
विधानसभा में मुख्य सचेतक और सपा के तीन विधायकों को मतदान के दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ देखा गया था, जिसके बाद सपा को बड़ा झटका लगा है. हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एक ट्वीट किया गया है. इसमें अखिलेश ने लिखा है कि हमारी राज्यसभा की तीसरी सीट दरअसल सच्चे साथियों की पहचान करने की परीक्षा थी. ये जानने की कि कौन-कौन दिल से PDA के साथ और कौन अंतरात्मा से पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. अब सब कुछ साफ है, यही तीसरी सीट की जीत है.
हमारी राज्यसभा की तीसरी सीट दरअसल सच्चे साथियों की पहचान करने की परीक्षा थी और ये जानने की कि कौन-कौन दिल से PDA के साथ और कौन अंतरात्मा से पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ है।
अब सब कुछ साफ़ है, यही तीसरी सीट की जीत है। pic.twitter.com/SWzDhvtnvF
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 27, 2024
कांग्रेस दो साल पहले ही पहाड़ी राज्य हिमाचल की सत्ता में आई है. पार्टी ने 68 विधानसभा सीटों में से 40 पर जीत हासिल की, जो पार्टी के लिए एक दुर्लभ जीत थी. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 25 सीटें मिलीं. कांग्रेस ने अभिषेक सिंघवी को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया, क्योंकि उनका बंगाल सीट का कार्यकाल खत्म हो रहा था. सिंघवी को हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद के रूप में पुष्टि के लिए केवल 35 वोटों की जरूरत थी. हालांकि कांग्रेस के छह विधायकों (और तीन निर्दलीय विधायकों) ने भाजपा के उम्मीदवार को वोट दे दिया है, जिसके बाद अब भाजपा और सत्तारूढ़ दल 34-34 वोटों पर बराबरी पर हैं.
कांग्रेस शासित कर्नाटक में चार सीटें खाली हुईं. उम्मीद की जा रही थी कि सत्ताधारी दल अपने पास मौजूद विधायकों पर बिना किसी शोर-शराबे के दावा कर सकता है, क्योंकि उसके पास भाजपा और उसकी सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) पास 85 सीटें हैं. जबकि कांग्रेस के पास 134 विधायक हैं. भाजपा के पास अपनी एक सीट बरकरार रखने के लिए पर्याप्त 45 वोट चाहिए. सबसे बड़ी चुनौती भाजपा समर्थित जेडीएस के कुपेंद्र रेड्डी को मैदान में उतारना था, जो दूसरी वरीयता के वोटों के आधार पर जीत हासिल कर सकते हैं.
इनके अलावा 41 सीटें निर्विरोध भरी जा चुकी हैं. नए सांसदों की लिस्ट में पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन के साथ-साथ पूर्व कांग्रेसी अशोक चव्हाण भी शामिल हैं, जो अब भाजपा में हैं.