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India Daily

पानी के मटके को छूने पर दबंगों ने दलित लड़के को बेल्ट से बुरी तरह पीटा, छोड़ने के लिए मांगे 1 लाख रुपये

Rajasthan: पीड़ित को पानी का घड़ा छूते देख आरोपी विनोद यादव ने उसे लात-घूंसों से पीटा और अपनी कार में हरियाणा के रेवाड़ी ले गया. रेवाड़ी में उसने पीड़ित को बेल्टों से पीटा और छोड़ने के लिए 1.5 लाख रुपये मांगे.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Rajasthan Dalit boy beaten up by miscreants for touching a water pot in Jhunjhunu
Courtesy: Social Media

Rajasthan:  राजस्थान के झुंझुनूं जिले में दलित समुदाय के एक युवक के साथ अत्याचार का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यह घटना शनिवार को पचेरी कलां थाना क्षेत्र के एक ईंट भट्ठे पर हुई, जहां पीड़ित चिमन लाल मेघवाल, जो पेशे से ट्रैक्टर चालक हैं, ईंट लेने के लिए गए थे.

जानकारी के अनुसार, चिमन लाल ने प्यास लगने पर ईंट भट्ठे पर रखे एक मटके से पानी पीने की कोशिश की. यह देखकर भट्ठा मालिक विनोद यादव ने उन्हें गाली देते हुए रोक दिया. इसके बाद विवाद बढ़ने पर विनोद यादव ने चिमन लाल को लात-घूंसों और बेल्ट से बुरी तरह पीटा.

हरियाणा ले जाकर किया अत्याचार

मामला यहीं नहीं रुका. पुलिस के अनुसार, भट्ठा मालिक विनोद यादव और उसके दो साथियों ने चिमन लाल को जबरन गाड़ी में बैठाकर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में ले गए. वहां उन्होंने चिमन लाल के साथ और मारपीट की और धमकी दी कि अगर उनके परिवार ने 1 लाख रुपये नहीं दिए, तो वे उन्हें गंभीर नुकसान पहुंचाएंगे.

परिवार ने दी फिरौती, तब जाकर मिली रिहाई

पीड़ित के परिवार को जब इस घटना की जानकारी मिली, तो वे घबराकर विनोद यादव के बताए स्थान पर पैसे लेकर पहुंचे. 1.5 लाख रुपये देने के बाद ही चिमन लाल को छोड़ दिया गया.

पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

रविवार को चिमन लाल ने इस घटना की शिकायत पचेरी कलां थाने में दर्ज कराई. पुलिस उपनिरीक्षक राजपाल के अनुसार, चिमन लाल के शरीर पर चोटों के कई निशान पाए गए, जिनका इलाज स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया.

पुलिस कर रही है मामले की जांच

पुलिस ने आरोपी विनोद यादव और उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामला अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है. मामले की जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

समाज में फैली नाराजगी

इस घटना ने समाज में गहरी नाराजगी पैदा की है. दलित संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है.