Odisha Politics Controversy: ओडिशा में एक कॉलेज छात्रा द्वारा वरिष्ठ संकाय सदस्य पर यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद आत्मदाह की कोशिश और फिर उसकी मौत ने पूरे राज्य और देश में राजनीतिक भूचाल ला दिया है. छात्रा की मौत के बाद कांग्रेस, बीजद और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्रा ने 12 जुलाई को कॉलेज के गेट के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था. वह 1 जुलाई से कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग कर रही थी लेकिन जब कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो उसने खुद को आग लगा ली. इलाज के दौरान मंगलवार को उसकी मौत हो गई.
मामले में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे "सुनियोजित हत्या" करार दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "यह आत्महत्या नहीं है, यह एक बहादुर लड़की की हत्या है. जिसे भाजपा की व्यवस्था ने मजबूर किया. उसे न्याय दिलाने की जगह बार-बार प्रताड़ित और अपमानित किया गया. भाजपा हमेशा की तरह आरोपियों को बचाती रही. यह हत्या है, आत्महत्या नहीं." कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुप्पी तोड़ने की मांग की. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.
इस मुद्दे पर बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर लिखा, "एक नाकाम व्यवस्था किसी की जान कैसे ले सकती है. यह बेहद पीड़ादायक है. यह एक हादसा नहीं बल्कि चुप्पी और निष्क्रियता से जन्मी त्रासदी है." पटनायक ने ओडिशा के राज्यपाल से मामले में कॉलेज प्रशासन और राज्य सरकार पर कठोर कार्रवाई करने का आग्रह किया.
वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जो ओडिशा से ही आते हैं, ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा,
"एक दुखद घटना को राजनीतिक हथियार बनाना राहुल गांधी की ओछी मानसिकता को दर्शाता है. भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. कांग्रेस हर त्रासदी पर सस्ती राजनीति करती है. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी." फिलहाल छात्रा की मौत ने पूरे ओडिशा में आक्रोश फैला दिया है और राजनीतिक हलकों में इसे लेकर घमासान जारी है.