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'नेहरू की गलती की वजह से बना PoK, वरना होता भारत का हिस्सा', लोकसभा में अमित शाह का कांग्रेस पर बड़ा हमला

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 में हिस्सा लिया. उस दौरान अमित शाह ने पेश किये गए बिलों पर का जवाब देते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला.

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Avinash Kumar Singh
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

हाइलाइट्स

  • 'नेहरू की गलती की वजह से बना PoK, वरना होता भारत का हिस्सा'
  • लोकसभा में अमित शाह का कांग्रेस पर बड़ा हमला

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 में हिस्सा लिया. उस दौरान अमित शाह ने पेश किये गए बिलों पर का जवाब देते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला. अमित शाह ने कहा कि ''अमित शाह ने कहा कि ''पंडित जवाहरलाल नेहरू के फैसले के कारण दो गलतियां हुई, जिसके कारण कश्मीर को कई वर्षों तक नुकसान उठाना पड़ा. पहला है युद्धविराम की घोषणा करना. जब हमारी सेना जीत रही थी, तो युद्धविराम लगाया गया था. अगर युद्धविराम तो तीन दिन बाद होता तो PoK आज भारत का हिस्सा होता. दूसरा अपने आंतरिक मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना."

गृह मंत्री अमित शाह का बयान 

विपक्ष ने किया लोकसभा से वॉकआउट 

अमित शाह के बयान पर कांग्रेस पार्टी वे सदन में जमकर हंगामा किया. विपक्ष के हंगामे को लेकर अमित शाह ने कहा कि अगर गुस्सा होना है तो मुझपर नहीं, नेहरू पर गुस्सा हों. इसके बाद कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर गए.

'अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना में अंतर'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, "पाकिस्तान ने 1947 में कश्मीर पर हमला किया जिसमें लगभग 31,789 परिवार विस्थापित हुए. 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 10,065 परिवार विस्थापित हुए. 1947, 1965 और 1969 के इन तीन युद्धों के दौरान कुल 41,844 परिवार विस्थापित हुए. यह बिल उन लोगों को अधिकार देने और उन लोगों को प्रतिनिधित्व देने का एक प्रयास है. जिन्हें अपने ही देश में शरणार्थी बनने के लिए मजबूर किया गया था. अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है. यह दो विधेयक उन लोगों को अधिकार प्रदान करने से संबंधित हैं जिन्होंने अन्याय का सामना किया और जिनका अपमान किया गया और उन्हें नजरअंदाज किया गया. मुझे खुशी है कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर पूरी चर्चा और बहस के दौरान किसी भी सदस्य ने विधेयक का विरोध नहीं किया"

'प्रधानमंत्री मोदी समझते है गरीबों का दर्द...'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में आगे कहा "प्रधानमंत्री मोदी गरीबों का दर्द समझते हैं. कुछ लोगों ने इसे कमतर आंकने की भी कोशिश की. किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदला जा रहा है. मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमें थोड़ी भी सहानुभूति है तो हमें यह देखना होगा कि नाम के साथ सम्मान जुड़ा है. ये वही लोग देख सकते हैं जो उन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं. जो लोग इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं. वो ही इस तरह का बयान देंगे. नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जो एक गरीब परिवार में पैदा हुए और देश के सबसे बड़े नेता बने. वह गरीबों का दर्द जानते हैं''