लगातार बारिश और बाढ़ से जूझ रहे उत्तर भारत के कई राज्यों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, हजारों परिवार विस्थापित हो गए हैं और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले कुछ दिनों में इन राज्यों का दौरा करेंगे ताकि राहत और बचाव अभियानों का जायजा ले सकें और प्रभावित परिवारों तक समय पर मदद पहुंच सके.
हिमाचल प्रदेश इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य के रूप में सामने आया है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 360 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. 1,087 सड़कें अब भी बंद हैं, 2,838 बिजली की लाइनों और 509 पेयजल योजनाओं में व्यवधान आया है. राज्य में सार्वजनिक और निजी ढांचे को मिलाकर लगभग 3,979 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. मनिमहेश यात्रा के दौरान फंसे श्रद्धालुओं की मदद के लिए वायुसेना को भी तैनात किया गया है.
पंजाब में भी बाढ़ ने दशकों में सबसे बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. राज्य के 23 जिलों के करीब 1,900 गांव पानी में डूब गए हैं, जिससे अब तक 43 लोगों की जान गई है. करीब 1.71 लाख हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. राज्य सरकार ने केंद्र से विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया और अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री मोदी को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में हालात धीरे-धीरे बेहतर हो रहे हैं. झेलम नदी समेत अन्य जलस्रोतों का जलस्तर लगातार बारिश के बाद अब घटने लगा है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में ज्यादातर इलाकों में शुष्क मौसम का अनुमान जताया है, हालांकि कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को संवेदनशील इलाकों को मजबूत करने, प्रभावित गांवों को खाली कराने और चौबीसों घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय रखने के निर्देश दिए.
उत्तराखंड और आसपास के कई राज्यों में भी भारी बारिश से अचानक बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचाई है. कई घर, सड़कें और पुल बह गए हैं. राज्य और केंद्र की एजेंसियां मिलकर बचाव व राहत अभियान चला रही हैं. प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और आवश्यक सामान उपलब्ध कराने की कोशिशें जारी हैं. प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा राहत कार्यों में तेजी लाने और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने में अहम साबित हो सकता है.