पीएम मोदी की सादगी ने जीता दिल, बीजेपी सांसदों की वर्कशॉप में पीछे की पंक्ति में बैठने की तस्वीर हो रही वायरल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संसद भवन परिसर स्थित जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम में बीजेपी सांसदों की कार्यशाला में शिरकत की. खास बात यह रही कि उन्होंने अन्य सांसदों की तरह पीछे की पंक्ति में बैठकर कार्यक्रम में हिस्सा लिया. कार्यशाला के दौरान केंद्र सरकार के बड़े जीएसटी सुधारों पर प्रस्ताव पारित किया गया, जिससे आम जनता को राहत और अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है.

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Kuldeep Sharma

भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री की उपस्थिति हमेशा चर्चा का विषय रहती है. रविवार को बीजेपी सांसदों की कार्यशाला में पीएम मोदी का सादा और अनुकरणीय व्यवहार एक मिसाल बन गया. उन्होंने सांसदों के बीच एक साधारण सदस्य की तरह बैठकर संदेश दिया कि नेतृत्व का अर्थ केवल सामने रहना नहीं, बल्कि सबके साथ खड़ा होना है. इस बैठक में जीएसटी सुधारों पर अहम प्रस्ताव पारित किया गया, जो देश की टैक्स व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने वाला है.

बीजेपी सांसदों के लिए आयोजित इस कार्यशाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य सांसदों के साथ सबसे पीछे बैठकर कार्यक्रम में हिस्सा लिया. यह दुर्लभ दृश्य था, जहां देश का प्रधानमंत्री बिना किसी प्रोटोकॉल या विशेष स्थान के, अपने साथियों के बीच समान रूप से उपस्थित था. इस व्यवहार को उनकी विनम्रता और टीम भावना का प्रतीक माना जा रहा है.

जीएसटी सुधारों पर सहमति

कार्यशाला में सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के जीएसटी सुधारों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. हाल ही में 3 सितंबर को जीएसटी काउंसिल ने इन सुधारों को मंजूरी दी थी. इस निर्णय के तहत टैक्स स्लैब की संख्या कम की गई और कई आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं पर टैक्स दर घटा दी गई. बैठक में पारित प्रस्ताव ने इन बदलावों को ऐतिहासिक सुधार बताया.

आम जनता को राहत

नए जीएसटी ढांचे के अनुसार अब केवल दो प्रमुख टैक्स स्लैब रहेंगे 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत. इसके अलावा, ‘सिन गुड्स’ यानी तंबाकू, शराब और लग्जरी उत्पादों पर 40 प्रतिशत टैक्स लगेगा. सरकार का कहना है कि इससे आम लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जिससे खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. किराना सामान, जूते-चप्पल, वस्त्र, खाद और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पाद जैसे कई रोज़मर्रा के सामान अब सस्ते होंगे.

अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा

सरकार का अनुमान है कि इन सुधारों से न केवल मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी, बल्कि उद्योगों और बाजार में भी नई ऊर्जा आएगी. जिन वस्तुओं पर पहले 12 और 28 प्रतिशत टैक्स लगता था, उन्हें अब दो मुख्य श्रेणियों में समेट दिया गया है. इससे टैक्स स्ट्रक्चर सरल होगा और उपभोक्ताओं पर बोझ घटेगा. प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में जो वादा किया था, यह सुधार उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.