कर्नाटक की राजनीति में एक समय बड़ा नाम रहे और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना अब जेल में एक कैदी के रूप में नई जिम्मेदारी निभा रहे हैं. रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे रेवन्ना को बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल प्रशासन ने लाइब्रेरी क्लर्क का काम सौंपा है.
जेल प्रशासन के अनुसार रेवन्ना को कैदियों को किताबें जारी करने और लाइब्रेरी का रिकॉर्ड संभालने की जिम्मेदारी दी गई है. जेल अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में रुचि दिखाई थी, लेकिन नियमों और आवश्यकता को देखते हुए उन्हें लाइब्रेरी में तैनात किया गया.
प्रज्वल रेवन्ना को जेल में रोजाना किए गए काम के बदले 522 रुपये की मजदूरी मिलेगी. यह राशि तभी दी जाएगी जब वे निर्धारित काम पूरा करेंगे. जेल के नियमों के तहत उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों के लिए श्रम अनिवार्य है और उन्हें उनकी क्षमता व कौशल के अनुसार काम सौंपा जाता है. आमतौर पर कैदियों को महीने में कम से कम 12 दिन, यानी हफ्ते में तीन दिन काम करना पड़ता है.
हालांकि, रेवन्ना का कार्य शेड्यूल अभी सीमित है. इसका कारण यह है कि वे अधिकतर समय अदालत में पेशी और अपने वकीलों से मुलाकात में बिताते हैं. अब तक उन्होंने एक दिन का काम लाइब्रेरी क्लर्क के रूप में पूरा कर लिया है. जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जैसे-जैसे हालात सामान्य होंगे, उनका कार्य दिवस बढ़ाया जा सकता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि और सजा
प्रज्वल रेवन्ना, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के पोते और जेडीएस नेता एच.डी. रेवन्ना के बेटे हैं. वे हासन से सांसद रह चुके हैं. हाल ही में एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें एक रेप केस में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अदालत के फैसले के बाद से वे जेल में हैं और अब कैदी के रूप में उन्हें जेल की लाइब्रेरी संभालने की जिम्मेदारी दी गई है.