नई दिल्ली: साल 2025 खत्म होने में अब बस कुछ ही समय बचा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की प्रगति और भविष्य की दिशा को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 को भारत के लिए एक ऐसे महत्वपूर्ण साल के रूप में याद किया जाएगा, जिसमें बीते 11 वर्षों में किए गए सुधारों को आगे बढ़ाया गया और उन्हें एक निरंतर राष्ट्रीय मिशन का रूप दिया गया. इस दौरान देश में संस्थानों का आधुनिकीकरण किया गया, शासन व्यवस्था को सरल बनाया गया और लंबे समय तक टिकाऊ और समावेशी विकास की मजबूत नींव रखी गई.
India has boarded the Reform Express!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 30, 2025
2025 witnessed pathbreaking reforms across various sectors which have added momentum to our growth journey. They will also enhance our efforts to build a Viksit Bharat.
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प्रधानमंत्री ने साफ संकेत दिया कि आने वाले वर्षों में भी सुधारों की यह प्रक्रिया जारी रहेगी. उन्होंने देशवासियों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे भारत की विकास यात्रा पर भरोसा बनाए रखें और इसमें अपनी भागीदारी को और मजबूत करे. खास बात यह है कि प्रधानमंत्री का यह बयान आम बजट से करीब दो महीने पहले आया है, जिससे इसके राजनीतिक और आर्थिक मायने और बढ़ जाते हैं.
मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए दुनिया भर में सराहना मिल रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय लोगों की नवाचार की भावना और आगे बढ़ने की इच्छा के कारण आज भारत वैश्विक मंच पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है. हाल ही में मुख्य सचिवों के साथ हुई बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार देश की जनसंख्या को मानव पूंजी के रूप में विकसित करने पर लगातार काम कर रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब 'सुधार एक्सप्रेस' पर सवार हो चुका है और इस ट्रेन का सबसे बड़ा इंजन देश की युवा आबादी, उनकी ऊर्जा और लोगों का अटूट साहस है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सुधारों का मकसद नागरिकों को सम्मानजनक जीवन देना, उद्यमियों को निडर होकर नवाचार करने का अवसर देना और संस्थानों को पारदर्शिता व भरोसे के साथ काम करने योग्य बनाना है.
उन्होंने जीएसटी और बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति जैसे अहम सुधारों का जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने बताया कि जीएसटी में केवल पांच और 18 प्रतिशत के दो प्रमुख स्लैब लागू होने से आम परिवारों, छोटे व्यापारियों, किसानों और मध्यम उद्योगों पर कर का बोझ कम हुआ है.
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यम वर्ग को दी गई राहत को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि पहली बार सालाना 12 लाख रुपये तक की आय को पूरी तरह आयकर से मुक्त किया गया है. इसके साथ ही 1961 के पुराने आयकर कानून की जगह सरल और आधुनिक आयकर अधिनियम 2025 लाया गया है. उन्होंने नए श्रम कानूनों, छोटे उद्योगों की बदली हुई परिभाषा, समुद्री कानूनों, मुक्त व्यापार समझौतों और परमाणु ऊर्जा व शिक्षा क्षेत्र में किए गए सुधारों का भी उल्लेख किया. प्रधानमंत्री के अनुसार, ये सभी कदम भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं.