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'शांति सैनिकों के बिना होनी चाहिए...', जम्मू-कश्मीर चुनाव से पहले ये क्या बोल गए फारूक अब्दुल्ला?

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि शांति सड़कों पर किसी भी सशस्त्र सेना के बिना होनी चाहिए. उन्होंने केंद्र से सवाल पूछा कि क्या जम्मू एवं कश्मीर में सामान्य स्थिति लौट आई है? 

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Farooq Abdullah
Courtesy: Social Medai

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि शांति सड़कों पर किसी भी सशस्त्र सेना के बिना होनी चाहिए. उन्होंने केंद्र से सवाल पूछा कि क्या जम्मू एवं कश्मीर में सामान्य स्थिति लौट आई है? इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 'आपके पास यहां कितने सैनिक हैं? कितनी ताकतें हैं? सड़कों पर चलें और देखें कि वे कितने अच्छे हथियारों से लैस हैं. क्या यही शांति है? शांति इन सैनिकों के बिना होनी चाहिए.'

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले अब्दुल्ला ने क्षेत्र के राज्य का दर्जा बहाल करने की वकालत की है. जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर हमला करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं पूर्ण राज्य का दर्जा चाहता हूं. हमें दिल्ली के वायसराय के अधीन क्यों रहना चाहिए? वह कुछ भी आदेश दे सकते हैं. वह कुछ भी बदल सकते हैं.'

बीजेपी पर बोला हमला

अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन कोई मजबूरी नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के विकास और केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय की मांग है. भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने हमारा कद छोटा कर दिया है. जब से भारत स्वतंत्र हुआ है, मैंने कभी नहीं देखा कि जम्मू-कश्मीर के अलावा किसी अन्य राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया हो.

अनुच्छेद 370 पर क्या कहा? 

अब्दुल्ला ने कहा कि मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या वे कह रहे थे कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए अनुच्छेद 370 जिम्मेदार है. क्या उन्होंने आतंकवाद को नियंत्रित कर लिया है? अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है. 

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