'पवन कल्याण को हरा नहीं पाया तो नाम बदल लूंगा...', चुनाव हारकर पूर्व मंत्री ने बदल डाला अपना नाम
पवन कल्याण की पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है. दक्षिणी राज्य में पीथापुरम विधानसभा क्षेत्र से कल्याण चुनाव लड़ रहे थे. इस दौरान मुद्रगड़ा ने पवन को चुनाव में हराने का दावा ठोकते हुए अपना नाम बदलने का शर्त रख दिया. हालांकि इस शर्त में मुद्रगड़ा की हार हुई और उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा.
आम चुनाव में जन सेना पार्टी के नेता पवन कल्याण को चुनाव में हरा नहीं पाने के कारण पूर्व मंत्री मुद्रगड़ा पद्मनाभम ने अपना नाम बदल लिया है. अब आधिकारिक तौर पर उनका नाम मुद्रगड़ा पद्मनाभम रेड्डी हो गया है. सीनियर लीडर के बदले हुए नाम को आंध्र प्रदेश राजपत्र में दर्ज कर लिया गया है.
दरअसल मुद्रगड़ा मार्च में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. जिसके बाद उन्होंने कसम खाई थी कि वे पवन कल्याण चुनाव में हरा देंगे और अगर नहीं हरा पाएं तो अपना नाम बदल लेंगे. मुद्रगड़ा ने कहा था कि वे अपने नाम में रेड्डी टाइटल लगा लेंगे.
क्या है पूरा मामला?
पवन कल्याण और मुद्रगड़ा दोनों ही कापू समुदाय से आते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान मुद्रगड़ा ने कापू समुदाय के लिए आरक्षण की मांग उठाई थी. साथ ही इस मांग का समर्थन नहीं करने को लेकर पवन कल्याण की आलोचना की थी. इसी दौरान मुद्रगड़ा ने पवन को चुनाव में हराने के बदले अपना नाम बदले का शर्त रख दिया था. 4 जून को चुनाव के नतीजे घोषित हुए. पवन कल्याण को चुनाव में जीत मिली. इसके बाद मुद्रगड़ा ने शर्त के मुताबिक अपना नाम बदल लिया.अब वे पद्मनाभम रेड्डी हो गए हैं. उन्होंने काह कि YSR कांग्रेस सरकार की ओर से विकास के कई सारे काम किए गए इसके बावजूद मतदाताओं ने जगन मोहन रेड्डी को नकार दिया है. ये वाकई हैरान करने वाली बात है.
65,000 से अधिक वोट से जीतें पवन कल्याण
बता दें कि चुनाव में आंध्र प्रदेश में अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण ने काकीनाडा जिले की पीथापुरम सीट पर YSR कांग्रेस के पूर्व सांसद को हरा दिया. पवन ने वंगा गीता को हरा कर 65,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की. पवन कल्याण ने बीते बुधवार को अमरावती स्थित सचिवालय में आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री का पदभार संभाला है. इसके साथ ही उन्होंने पंचायत राज, ग्रामीण विकाल एवं पर्यावरण मंत्री की जिम्मेदारी मिली है.