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India Daily

Goa-Pune Flight Incident: गोवा-पुणे फ्लाइट में हड़कंप, क्रू के दिए सॉफ्ट ड्रिंक पीते ही बिगड़ी यात्री की तबीयत, एयरलाइन पर लगाये ये गंभीर आरोप

स्पाइसजेट की गोवा-पुणे उड़ान में एक यात्री को सॉफ्ट ड्रिंक पीने के बाद तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया. यात्री ने सॉफ्ट ड्रिंक में मेटल के टुकड़े होने का आरोप लगाया, जबकि एयरलाइन ने कहा कि जांच में कुछ नहीं मिला. मामला शिकायत और जांच तक पहुंच गया है.

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Edited By: Km Jaya
स्पाइसजेट घटना
Courtesy: Social Media

Goa-Pune Flight Incident: पुणे के कारोबारी अभिजीत भोसले समुद्र किनारे दोस्तों संग वेकेशन पर जा रहे थे. उनका ये वेकेशन अचानक बुरा अनुभव बन गया, जब वे स्पाइसजेट की गोवा-पुणे उड़ान में सीट नंबर 9C से सीधे अस्पताल के बिस्तर पर पहुंच गए. सोमवार शाम उड़ान के दौरान सॉफ्ट ड्रिंक पीने के बाद उन्हें अचानक गले में जलन और पेट दर्द की समस्या हुई.

अभिजीत भोसले ने बताया कि फ्लाइट टेकऑफ के करीब 15 से 20 मिनट बाद केबिन क्रू ने यात्रियों को रिफ्रेशमेंट देना शुरू किया. उन्होंने क्रू से एक सॉफ्ट ड्रिंक का कैन और फॉक्स नट्स का पैकेट खरीदा. जैसे ही उन्होंने सॉफ्ट ड्रिंक के कुछ घूंट लिए, गले में जलन होने लगी और धीरे-धीरे पेट दर्द भी शुरू हो गया.

सॉफ्ट ड्रिंक में मेटल के छोटे टुकड़े

उनके साथ यात्रा कर रहे पड़ोसी महेश गुप्ता और दोस्त राजकुमार अग्रवाल ने तुरंत स्थिति को गंभीर समझा और सॉफ्ट ड्रिंक कैन की जांच की. महेश गुप्ता ने दावा किया कि सॉफ्ट ड्रिंक में मेटल के छोटे टुकड़े मिले. उन्होंने बताया, 'हमने कैन खाली कर क्रू के सामने हिलाया तो उसमें से खड़खड़ाने की आवाज आई. हमने कैन को सबूत के तौर पर रखने की कोशिश की लेकिन क्रू ने कह दिया कि यह उनकी संपत्ति है और उसे ले लिया.'

एयरलाइन के खिलाफ लिखित शिकायत

महेश गुप्ता ने एयरलाइन के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की. शाम 7.50 बजे विमान पुणे उतरा. यात्री द्वारा असुविधा की शिकायत के बाद तुरंत मदद की गई और लैंडिंग पर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई. एयरलाइन ने बताया कि जांच में यात्री के गले, छाती और पेट के एक्स-रे में कोई धातु का टुकड़ा नहीं मिला. वहीं स्पाइसजेट ने बयान जारी करते हुए कहा कि यात्री को सील्ड कैन ही दिया गया था. हालांकि डॉक्टर ने एंडोस्कोपी कराने की सलाह दी थी, जिसे यात्री ने मना कर दिया. स्पाइसजेट प्रवक्ता ने कहा कि सभी चिकित्सकीय खर्च एयरलाइन ने वहन किए और कर्मचारी पूरे समय मरीज के साथ रहे. एयरलाइन ने यह भी स्पष्ट किया कि मानक प्रक्रिया के तहत कैन जांच के लिए विक्रेता को सौंप दिया गया है.