Terrorism In Kashmir: पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने के इरादे से अफगान युद्ध में लड़ चुके कट्टर आतंकवादियों की तैनाती शुरू कर दी है. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी ने इस साजिश का पर्दाफाश किया है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने पिछले कुछ महीनों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े आतंकवादियों को कश्मीर घाटी में घुसपैठ कराया है. ये आतंकवादी पहले के घुसपैठियों के मुकाबले ज्यादा कट्टरपंथी और युद्धकला में पारंगत हैं.
इसको लेकर अधिकारियों ने बताया कि, ''कश्मीर में विकास और स्थिरता को देख पाकिस्तान बौखला गया है, इसलिए वह अब अफगानिस्तान में प्रशिक्षित आत्मघाती दस्तों को भेजकर हालात बिगाड़ने की साजिश कर रहा है.''
आतंकियों की रणनीति में बड़ा बदलाव
बता दें कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के हमले के तरीके में भी बड़ा बदलाव देखा है. पहले जहां आतंकी मुठभेड़ के समय भागने की कोशिश करते थे, वहीं अब नए घुसपैठिए आक्रामक हमले कर सुरक्षाबलों को उलझाते हैं ताकि बाकी आतंकी भाग सकें. अधिकारियों का कहना है कि ये हमलावर तकनीकें अफगानिस्तान के युद्धक्षेत्र से सीखकर आए हैं, जहां तालिबान ने नाटो और अफगान बलों के खिलाफ ऐसी ही रणनीतियां अपनाई थीं.
आर्टिकल 370 हटने के बाद आतंकवाद फिर भड़काने की साजिश
वहीं सूत्रों ने आगे यह भी बताया कि पाकिस्तान की यह नई चाल 2019 में आर्टिकल 370 हटने और घाटी में तेजी से घटती हिंसा के बाद तैयार की गई रणनीति का हिस्सा है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान किसी भी कीमत पर कश्मीर में अशांति फैलाना चाहता है ताकि भारत के निवेश और विकास प्रयासों को बाधित किया जा सके.
भारत की कड़ी निगरानी और जवाबी रणनीति
इसके अलावा, भारत ने घाटी में सुरक्षा व्यवस्था और चौकसी को और मजबूत कर दिया है. अफगानिस्तान में प्रशिक्षित आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि के बाद सुरक्षाबलों ने अपनी रणनीति में जरूरी बदलाव कर लिए हैं ताकि हर साजिश को समय रहते नाकाम किया जा सके.