भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लिए त्योहारी मौसम में विशेष किट वितरित करने के लिए "सौगात-ए-मोदी" अभियान शुरू करने की योजना बनाई है. यह कार्यक्रम मंगलवार से दिल्ली के निजामुद्दीन से शुरू होगा. भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा इस पहल के तहत देशभर की मस्जिदों के साथ मिलकर 32 लाख गरीब मुस्लिमों तक किट पहुंचाएगा. इसके लिए 32,000 अल्पसंख्यक मोर्चा कार्यकर्ता 32,000 मस्जिदों के साथ सहयोग करेंगे.
अभियान का उद्देश्य और विस्तार
विपक्ष का हमला और राजनीतिक विवाद
इस योजना की घोषणा के साथ ही बिहार में सियासी माहौल गरमा गया. विपक्ष ने इसे चुनावी हथकंडा करार दिया. बिहार में मुस्लिम मतदाता 16-17% हैं और किशनगंज, अररिया, कटिहार, सीमांचल और मध्य बिहार जैसे क्षेत्रों में प्रभावशाली हैं. कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, "आप देखिए बिहार में चुनाव है, वे 'सौगात' किट नहीं दे रहे, बल्कि इसके जरिए वोट मांग रहे हैं. अगर सचमुच सौगात देना चाहते तो बिहार से पलायन रोकने के लिए नौकरियां देते."
भाजपा और सहयोगियों का समर्थन
एनडीए सहयोगी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा, "मेरे पीएम नरेंद्र मोदी जी 'सबका साथ, सबका विकास' में विश्वास करते हैं. इसी सोच के साथ केंद्र और बिहार सरकार विकास के लिए काम कर रही है." पूर्व बिहार सीएम और वर्तमान एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "पीएम सभी भारतीयों के लिए काम करते हैं, चाहे धर्म या जाति कुछ भी हो. मुस्लिम समुदाय को लेकर उनके बारे में गलतफहमी दूर होनी चाहिए. जरूरतमंदों को 'सौगात' दी जाएगी."