Operation Akhal: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में जारी मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, रात से ही भारतीय सेना का सर्च ऑपरेशन जारी
ऑपरेशन के आगे बढ़ने के साथ ही अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि नागरिकों की सुरक्षा और अशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
Operation Akhal: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में, भारतीय सुरक्षा बलों ने देवसर इलाके के अकाल वन क्षेत्र में चल रही मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी को मार गिराया, अधिकारियों ने शनिवार को इसकी पुष्टि की. घने जंगलों में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी), भारतीय सेना और सीआरपीएफ ने शुक्रवार शाम को संयुक्त आतंकवाद- रोधी अभियान - ऑपरेशन अकाल - शुरू किया. इलाके में छिपे आतंकवादियों द्वारा आगे बढ़ रहे सैनिकों पर गोलीबारी शुरू करने के बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान तेजी से गोलीबारी में बदल गया.
अब तक एक आतंकवादी को मार गिराया गया है. उसका शव देखा गया है, लेकिन अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है . अधिकारियों के अनुसार, रात भर रुक-रुक कर लेकिन भीषण गोलीबारी जारी रही.
भीषण गोलीबारी
शनिवार सुबह लगभग 4 बजे, लगभग 20 मिनट तक चली भीषण गोलीबारी की सूचना मिली, जिसके बाद स्थिति कुछ समय के लिए शांत हो गई. अंधेरे के कारण, बचाव अभियान और गहन तलाशी अभियान अस्थायी रूप से रोक दिए गए, लेकिन भारी तैनाती के साथ इलाका अभी भी कड़ी घेराबंदी में है. माना जा रहा है कि कम से कम 2-3 आतंकवादी (एफटी) घेरे हुए इलाके में फंसे हुए हैं. सतर्क सैनिकों ने रात भर संतुलित गोलीबारी की, संपर्क बनाए रखा और आतंकवादियों पर शिकंजा कसते रहे. अभियान अभी भी सक्रिय है और सेना शेष आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए अपनी तलाशी जारी रखे हुए है.
घेराबंदी और तलाशी अभियान के बाद गोलीबारी शुरू
सुरक्षा बलों ने अखल के घने जंगलों में छिपे संदिग्ध आतंकवादियों को निशाना बनाकर घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया. हालांकि, आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू करने के बाद अभियान जल्द ही गोलीबारी में बदल गया. भारतीय जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसमें एक आतंकवादी मारा गया. प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि दो और आतंकवादी अभी भी इलाके में फंसे हुए हैं, और अभियान दूसरे दिन भी जारी है.
ऑपरेशन महादेव: आतंकी नेटवर्क पर कार्रवाई
यह मुठभेड़, क्षेत्र में भारतीय अर्धसैनिक बलों द्वारा शुरू किए गए आतंकवाद-रोधी अभियान, ऑपरेशन महादेव का हिस्सा है. इस हफ़्ते की शुरुआत में, सुरक्षा बलों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के लिए ज़िम्मेदार तीन आतंकवादियों को मार गिराया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बोलते हुए पुष्टि की कि मारे गए आतंकवादी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित समूह लश्कर-ए-तैयबा के वरिष्ठ सदस्य थे. उन्होंने उनमें से एक, सुलेमान, को पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड बताया.
आतंकवाद-रोधी अभियानों में हालिया वृद्धि
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. कुलगाम मुठभेड़ से कुछ दिन पहले ही सुरक्षा बलों ने पुंछ ज़िले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी थी और कलसियां-गुलपुर इलाके के पास भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था.
हताहतों की संख्या अपडेट: बारूदी सुरंग विस्फोट में सैनिक की मौत
इस महीने की शुरुआत में एक अलग घटना में, भारतीय सेना के अग्निवीर ललित कुमार 25 जुलाई को नियंत्रण रेखा पर कृष्णा घाटी सेक्टर में गश्त के दौरान एक बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गए. हालांकि जुलाई की कुल हिंसा वसंत के चरम से नीचे रही, लेकिन जून की तुलना में इसमें वृद्धि देखी गई, जिसमें केवल दो आतंकवादी मारे गए और कोई नागरिक या सुरक्षाकर्मी हताहत नहीं हुआ.
क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए सरकार का संकल्प
ये हालिया मुठभेड़ें और ऑपरेशन भारत सरकार के आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने और जम्मू-कश्मीर में शांति एवं सुरक्षा बहाल करने के दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं. सुरक्षा बल कुलगाम में अपना संयुक्त अभियान जारी रखे हुए हैं और क्षेत्र में छिपे सभी आतंकवादियों को मार गिराने और आगे किसी भी हमले को रोकने के लिए काम कर रहे हैं.
ऑपरेशन के आगे बढ़ने के साथ ही अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि नागरिकों की सुरक्षा और अशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
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