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ओडिशा विधानसभा के बाहर हंगामा, छात्रा के आत्मदाह पर प्रदर्शन, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस और वाटर कैनन

बुधवार सुबह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में विधानसभा के बाहर भारी हंगामा देखने को मिला. एक कॉलेज छात्रा की आत्मदाह के बाद हुई मौत के विरोध में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. यह प्रदर्शन बालासोर की 20 वर्षीय बीएड छात्रा की दुखद मौत के खिलाफ था, जिसने कथित यौन उत्पीड़न के बाद कॉलेज प्रशासन की अनदेखी से तंग आकर खुद को आग लगा ली थी.

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Edited By: Antima Pal
Protest outside Odisha Assembly
Courtesy: social media

Protest outside Odisha Assembly: बुधवार सुबह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में विधानसभा के बाहर भारी हंगामा देखने को मिला. एक कॉलेज छात्रा की आत्मदाह के बाद हुई मौत के विरोध में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. यह प्रदर्शन बालासोर की 20 वर्षीय बीएड छात्रा की दुखद मौत के खिलाफ था, जिसने कथित यौन उत्पीड़न के बाद कॉलेज प्रशासन की अनदेखी से तंग आकर खुद को आग लगा ली थी.

ओडिशा विधानसभा के बाहर हंगामा

प्रदर्शनकारी बीजू जनता दल के कार्यकर्ताओं की अगुवाई में सुबह से ही विधानसभा के बाहर जमा हो गए. उन्होंने सरकार से इस मामले में न्याय और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाए और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी व शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज के इस्तीफे की मांग की. प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसके बाद पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया.

छात्रा के आत्मदाह पर प्रदर्शन

छात्रा ने 12 जुलाई को बालासोर के फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज के गेट पर खुद को आग लगाई थी. उसने अपने विभागाध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और कॉलेज प्रशासन, पुलिस और स्थानीय नेताओं से कई बार शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. गंभीर हालत में उसे भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां सोमवार रात 95% जलने के कारण उसकी मृत्यु हो गई.

पुलिस ने छोड़े आंसू गैस और वाटर कैनन

इस घटना ने पूरे ओडिशा में आक्रोश फैला दिया है. विपक्षी दलों, विशेष रूप से बीजेडी और कांग्रेस ने इसे सरकार की विफलता करार दिया है. कांग्रेस ने 17 जुलाई को 'ओडिशा बंद' का आह्वान किया है, जिसमें आठ विपक्षी दल शामिल हैं. यूजीसी ने भी इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है.

सीएम ने दिया दोषियों को सख्त सजा का आश्वासन

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पीड़िता के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और दोषियों को सख्त सजा का आश्वासन दिया है. फिर भी जनता और विपक्ष का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा. यह मामला महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा संस्थानों में जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठा रहा है.