नई दिल्ली: जेडीयू की कमान संभालने के बाद नीतीश कुमार की अगली भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे है. फिलहाल CM नीतीश कुमार आरजेडी के साथ महागठबंधन सरकार की अगुवाई कर रहे है, लेकिन बीते कुछ दिनों से उनकी पार्टी में उथल-पुथल मची हुई है. इसी बीच बिहार की जनता के बीच कराए गए सर्वे में 58 फीसदी जनता ने माना कि CM नीतीश कुमार कमजोर मुख्यमंत्री है. बिहार की जनता का मानना है कि सीएम नीतीश की पार्टी पर पकड़ ढीली हो रही है और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता पहले जैसे नहीं रही.
बीते दिनों जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने पार्टी की कमान अपने हाथों में संभाल ली. ललन सिंह के इस्तीफे के पीछे की वजहों को लेकर कहा जा रहा है कि वो अपनी लोकसभा सीट पर ध्यान केंद्रीत कर रहे है. मौजूदा समय में ललन सिंह मुंगेर लोकसभा सीट से सांसद है. ऐसे में अब वो अगला 2024 लोकसभा चुनाव लड़ना चाह रहे है, इसलिए उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का अनुरोध किया था.
बीते दिनों दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर जहां राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी, "देश का प्रधानमंत्री कैसा हो? नीतीश कुमार जैसा हो" के नारे लगाते देखा गया. यह बैठक इंडिया गठबंधन की बैठक के कुछ ही दिनों बाद हुई. जेडीयू के कई नेता नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं, जबकि ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संभावित पीएम उम्मीदवार घोषित किया है.