NIA server Terrorism Data Fusion Analysis Centre: राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने पहली बार सभी आतंकवादियों का डेटा जुटाया है. इस डेटा में आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ खालिस्तानी आतंकवादी समूह की भी पूरी जानकारी है. इस डेटा को NIA ने दिल्ली में अपने हेडक्वार्टर में एक कॉमन सर्वर पर अपलोड किया है.
नेशनल टेररिज्म डेटा फ्यूजन एंड एनालिसिस सेंटर (NTDFC) का आज अमित शाह उद्घाटन करेंगे. सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों और उनके सहयोगियों का विवरण इस डेटाबेस में मौजूद है. जैसे- आतंकियों का केस हिस्ट्री, उंगलियों के निशान, वीडियो, फोटो, सोशल मीडिया प्रोफाइल और वे किस आतंकी समूह से संबंधित हैं. बताया जा रहा है कि NTDFC को अमेरिका के ग्लोबल टेररिज्म डेटाबेस की तर्ज पर बनाया गया है. बता दें कि अमेरिका के ग्लोबल टेररिज्म डेटाबेस में 1970 और 2013 के बीच हुए 125,000 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों की जानकारी शामिल है.
एक सूत्र के मुताबिक, NTDFC में 92 लाख से अधिक फिंगरप्रिंट हैं. इसके अलावा, 22 हजार से अधिक आतंकवादी मामलों के डेटा के साथ केस स्टडी की पूरी जानकारी है. वहीं, 5 लाख से अधिक अपराधियों का नार्को डेटा, उनकी इनकम के सोर्स, भारत में उनके खिलाफ दर्ज मामले, उनकी लेटेस्ट फोटोज और सोशल मीडिया प्रोफाइल्स का भी डेटा NTDFC में मौजूद है.
कहा जा रहा है कि NTDFC में एक फेस आइडेंटिफाई सिस्टम भी होगा, जो किसी भी CCTV फुटेज से संदिग्धों की तस्वीरें स्कैन करने में मदद करेगा. बता दें कि पिछले साल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्य पुलिस बलों और आतंकवाद विरोधी एजेंसियों से ऐसा दृष्टिकोण अपनाने को कहा था कि कोई नया आतंकवादी समूह न बन सके.
NIA की ओर से आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में अमित शाह ने कहा था कि हमें न केवल आतंकवाद से लड़ना है बल्कि इसके पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को भी नष्ट करना है. आतंकवाद की कोई सीमा नहीं है और कोई भी राज्य अकेले आतंकवाद का सामना नहीं कर सकता है. हमें इस बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए एक साथ आना होगा.
NIA के साथ-साथ राज्यों की पुलिस को भी NTDFC से मिलेगी मदद
सूत्रों के मुताबिक, NTDFC न केवल NIA की मदद करेगा बल्कि राज्य पुलिस बलों को भी इस सर्वर से अपने संदिग्ध के विवरण की पहचान करने में मदद करेगा. कहा जा रहा है कि फिलहाल NTDFC में आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की फोटोज और वीडियोज अपलोड की गईं हैं. लेकिन भविष्य में आतंकवादियों की पहचान में मदद के लिए आवाज के नमूने भी डालने की योजना है. बता दें कि गृह मंत्रालय ने अब तक 39 आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है और 56 लोगों को UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत नामित आतंकवादी घोषित किया है.