Mumbai dabbawala: मुंबई के विश्व प्रसिद्ध डब्बावाले, जो अपनी बेमिसाल लंचबॉक्स डिलीवरी सेवा के लिए जाने जाते हैं, सोमवार, 7 जुलाई 2025 को अपनी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद करेंगे. यह निर्णय उनकी वार्षिक आषाढ़ी एकादशी तीर्थयात्रा में भाग लेने के लिए लिया गया है, जो उनके लिए गहरे आध्यात्मिक महत्व का अवसर है. इस दिन, डब्बावाले पंढरपुर की पवित्र वारी यात्रा में शामिल होंगे, जो उनकी आस्था और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है.
हर साल, आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर लाखों वारकरी भक्त पंढरपुर की ओर पैदल यात्रा करते हैं. यह तीर्थयात्रा विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में समाप्त होती है, जहां संत तुकाराम और संत ज्ञानेश्वर जैसे महान संतों की शिक्षाओं का सम्मान किया जाता है. मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के अधिकांश सदस्य इस जुलूस में शामिल होने के लिए अपनी सेवाएं एक दिन के लिए स्थगित करते हैं. यह उनके लिए केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक सामूहिक आस्था और एकजुटता की यात्रा है.
वारी हमारी पहचान का एक हिस्सा है: मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन
मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के एक अधिकारी ने मिड डे से बातचीत में कहा, "वारी हमारी पहचान का एक हिस्सा है. यह हमें अपने सिद्धांतों, अपनी विरासत और अपनेपन की भावना को फिर से खोजने में सक्षम बनाता है. इस वजह से, हममें से कई लोग हर साल पंढरपुर पैदल जाते हैं और 7 जुलाई को हम इस तीर्थयात्रा में भाग लेने के लिए अपनी सेवाओं को बीच में ही रोक देंगे."
डब्बावालों की सेवा और आस्था का संतुलन
मुंबई के डब्बावाले अपनी समयबद्धता और सटीकता के लिए वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हैं. ये मेहनती लोग हर दिन हजारों कर्मचारियों तक घर का बना खाना पहुंचाते हैं. उनकी कार्यकुशलता को हार्वर्ड बिजनेस स्कूल तक ने case study के रूप में पढ़ाया है. हालांकि, आषाढ़ी एकादशी के दिन उनकी धार्मिक आस्था सर्वोपरि होती है. इस दिन वे अपनी सेवाओं को रोककर भक्ति और समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्राथमिकता देते हैं.
मुंबईवासियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का सुझाव
चूंकि डब्बावाले 7 जुलाई को अपनी सेवाएं बंद रखेंगे, मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन ने शहरवासियों से इस दिन के लिए वैकल्पिक लंच व्यवस्था करने का अनुरोध किया है. अगले दिन, 8 जुलाई 2025 से, उनकी सेवाएं सामान्य रूप से बहाल हो जाएंगी. यह एक दिन का अवकाश मुंबईवासियों के लिए मामूली असुविधा हो सकता है, लेकिन यह डब्बावालों की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
आषाढ़ी एकादशी: समुदाय और भक्ति का उत्सव
आषाढ़ी एकादशी डब्बावालों के लिए केवल एक धार्मिक तिथि नहीं है, बल्कि यह समुदाय, समानता और भक्ति का प्रतीक है. यह अवसर उन्हें अपने काम से हटकर एक साथ चलने, प्रार्थना करने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का मौका देता है. यह तीर्थयात्रा न केवल उनकी आस्था को मजबूत करती है, बल्कि उनकी एकता और अनुशासन को भी दर्शाती है, जो उनकी डिलीवरी सेवा की सफलता का आधार है.