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'अनिल देशमुख के PA के जरिए पैसा जाता था...', बर्खास्त हो चुके पुलिस अधिकारी सचिन वझे के बयान ने महाराष्ट्र में मचाई खलबली

Sachin Vaje: भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर मामलों में गिरफ्तार हुए पूर्व पुलिस अधिकारी ने अपने एक बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है. अब सचिन वझे ने अनिल देशमुख के बारे में कहा है कि उनके पीए के जरिए पैसों की वसूली की जाती थी और इसके सबूत भी मौजूद हैं. सचिन वझे का कहना है कि उन्होंने इसके बारे में महाराष्ट्र के मौजूदा गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक चिट्ठी लिखी है.

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Edited By: India Daily Live
Maharashtra Politics
Courtesy: IDL

महाराष्ट्र पुलिस से बर्खास्त किए जा चुके पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वझे ने अपने बयान से एक बार फिर खलबली मचा दी है. सरकारी गवाह बन चुके सचिन वझे का कहना है कि अनिल देशमुख के जरिए पैसे लिए जाते थे. इतना ही नहीं, वझे का कहना है कि उसने जयंत पाटिल का भी नाम लिया था. महाराष्ट्र में अनिल देशमुख के बयानों के बाद से शुरू हुए राजनीति ड्रामे में यह एक और नया मोड़ हो सकता है. इससे पहले, अनिल देशमुख ने कहा था कि देवेंद्र फडणवीस ने उन पर दबाव बनाया था कि उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को फर्जी मामलों में फंसाया जाए. अब सचिन वझे का कहना है कि इसको लेकर उन्होंने राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक चिट्ठी भी लिखी है. 

मनसुख हिरेन हत्याकांड और मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर बम रखने के साल 2021 के मामले में गिरफ्तार सचिन वझे को बर्खास्त कर दिया गया था. वह 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में भी आरोपी हैं. दूसरी तरफ, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनिल देशमुख के बयानों के बाद खलबली मच गई है. अनिल देशमुख के बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने यह तक कह दिया है कि अब महाराष्ट्र में या तो वह रहेंगे या फिर देवेंद्र फडणवीस.

सचिन वझे ने अब क्या कह दिया?

अब सचिन वझे ने मीडिया के सामने कहा है, 'देखिए, जो भी है, उसके सारे प्रूफ हैं.पैसे उनके पीए (अनिल देशमुख) के जरिए दिए जाते थे. सीबीआई के पास भी सबूत है. मैंने भी फडणवीस साहब को एक लेटर लिखा हुआ है. मैंने सारे सबूत भी दे दिए हैं. मैं नारको टेस्टे के लिए तैयार हूं. मैंने जो लेटर लिखा है उसमें मैंने जयंत पाटिल का नाम भी लिखा है.' सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस की टीम मीडिया को लगातार रोक रही थी कि वह इस तरह से सचिन से सवाल-जवाब न करे.

दरअसल, इन तमाम आरोपों में गिरफ्तारी के बाद से ही अनिल वझे तीन साल से जेल में बंद हैं. मनसुख हिरेन हत्याकांड सामने आने के बाद मुंबई पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाए थे कि अनिल देशमुख वसूली करवाते हैं और इसके लिए वह सचिन वझे का इस्तेमाल करते हैं. 

'फडणवीस जो कहते हैं सचिन वझे वही करता है'

सचिन वझे की बात का जवाब देते हुए अनिल देशमुख का कहना है, '5-6 दिन रपहले मैंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाए थे कि 3 साल पहले उन्होंने प्रयास किए कि उद्धव ठाकरे को जेल भेजा जाए. वह मेरे पास एफिडेविट लेकर आए जिससे कि आदित्य ठाकरे को जेल भेजा जाए. मैंने इसे जनता के सामने सार्वजनिक कर दिया. अब यह देवेंद्र फडणवीस की रणनीति है. उन्होंने सचिन वझे को पकड़ लिया है और उनका इस्तेमाल कर रहे हैं. हाई कोर्ट ने कहा था कि सचिन वझे वाले क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले हैं. वह दो हत्याओं के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं और जेल में हैं. ऐसे आदमी का भरोसा नहीं कर सकते हैं. क्या देवेंद्र फडणवीस को ऐसा ही आदमी मिला था? फडणवीस जो कहते हैं सचिन वझे वही करता है.'

अनिल देशमुख के किस बयान पर मचा बवाल

महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि देवेंद्र फडणवीस ने उन पर दबाव बनाया था कि महा विकास अघाड़ी नेताओं के खिलाफ झूठे केस दायर करो, बदले में तुम्हें ईडी और सीबीआई की जांच से मुक्ति मिलेगी. अनिल देशमुख ने कहा, 'यह ऑफर फडणवीस के एक आदमी ने दिया था. मैंने खुद फडणवीस से फोन पर बात की थी. मुझसे कहा गया कि अजित पवार पर आरोप लगाना संभव नहीं है तो ठाकरे और अनिल परब के खिलाफ बोलना चाहिए.'

इन आरोपों को खारिज करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'अनिल देशमुख की पार्टी के सदस्यों के ही पास उनके खिलाफ ऑडियो-वीडियो सबूत हैं. अगर मेरे खिलाफ आरोप लगाना जारी रहा तो इन सबूतों को सार्वजनिक करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बेचेगा.'

क्या है एंटीलिया केस?

साल 2021 में एंटीलिया के बाहर एक संदिग्ध स्कॉर्पियो कार बरामद की गई थी. इस कार में जिलेटिन की छड़ें और धमकी भरी चिट्ठी मिलने के बाद हड़कंप मच गया था. मामले की जांच हुई तो सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे, उनके सहयोगी रियाज काजी और सुनील माने को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया. फिर इसी कार के मालिक मनसुख हिरेन की अचानक मौत हो गई. 

आगे चलकर ईडी ने सचिन वझे के साथ-साथ अनिल देशमुख के खिलाफ भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. बाद में भ्रष्टाचार के एक केस में सीबीआई ने अनिल देशमुख, सचिन वाझजे और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया. जांच के दौरान सचिन वझे ने बताया कि अनिल देशमुख के आदेश पर उसने मुंबई के कई बार और रेस्टोरेंट से पैसे वसूले थे.


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