ED Investigation On Gandhi Family: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है. चार्जशीट के अनुसार, गांधी परिवार ने महज 50 लाख रुपये में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 99% हिस्सेदारी एक निजी कंपनी यंग इंडियन के ज़रिए अपने कब्जे में ली, जिसकी कीमत उस वक्त करीब 2,000 करोड़ रुपये थी.
गांधी परिवार में किसका कितना हिस्सा
इसको लेकर ईडी का दावा है कि यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मिलाकर 76% हिस्सेदारी है. बाकी की 24% हिस्सेदारी दिवंगत नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थी. इसी के आधार पर जांच एजेंसी ने सोनिया को आरोपी नंबर 1 और राहुल को आरोपी नंबर 2 बनाया है.
5,000 करोड़ की संपत्ति पर दावा
पीटीआई सूत्रों के मुताबिक, इन संपत्तियों का मौजूदा बाजार मूल्य 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. ईडी ने इस लेन-देन को 'आपराधिक साजिश' करार देते हुए इसे मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ा है. एजेंसी ने इसे 'अपराध की आय' बताते हुए 988 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की है.
कंपनी कानून का भी उल्लंघन
ईडी के मुताबिक, यंग इंडियन को कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत 'गैर-लाभकारी संस्था' के रूप में पंजीकृत किया गया था, लेकिन जांच में पाया गया कि कंपनी ने कोई धर्मार्थ कार्य नहीं किया.
क्या होगा अगला कदम
बता दें कि विशेष अदालत 25 अप्रैल को चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर फैसला करेगी. ईडी ने सभी आरोपियों पर पीएमएलए की धारा 4 के तहत केस दर्ज किया है, जिसमें 7 साल तक की सजा हो सकती है.