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India Daily

Antibiotic Resistance Crisis: 30 लाख बच्चों की मौत के पीछे बेअसर दवाएं, 'एंटीबायोटिक्स' को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Antibiotic Resistance: दुनिया में 30 लाख से ज्यादा बच्चों की मौत एंटीबायोटिक दवाओं के रेजिस्टेंस के कारण हो सकती है, यह बात 2022 में एक स्टडी के बाद बाल स्वास्थ्य के विशेषज्ञों ने कही है.

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Edited By: Ritu Sharma
Child Health Crisis
Courtesy: Social Media

Child Health Crisis: दुनियाभर में एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति बढ़ती अंतिमिक्रोबिअल रेजिस्टेंस कैपेसिटी  (AMR) बच्चों के जीवन पर बड़ा खतरा बनती जा रही है. हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में एएमआर के चलते दुनिया में 30 लाख से ज़्यादा बच्चों की जान चली गई. अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं.

बैक्टीरिया बन गए हैं एंटीबायोटिक प्रूफ

बता दें कि जब बैक्टीरिया इतनी ताक़तवर हो जाते हैं कि दवाएं उन पर असर करना बंद कर देती हैं, तो इसे एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) कहा जाता है. रिपोर्ट में बताया गया कि 2019 से 2021 के बीच दक्षिण-पूर्व एशिया में 'वॉच एंटीबायोटिक्स' का उपयोग 160% और अफ्रीका में 126% तक बढ़ गया. वहीं, गंभीर संक्रमणों के लिए उपयोग की जाने वाली 'रिजर्व एंटीबायोटिक्स' का उपयोग भी खतरनाक रूप से बढ़ा है.

रेसेअर्चेर्स की चेतावनी

रिपोर्ट के सह-लेखक डॉ. यानहोंग जेसिका हू और प्रो. हर्ब हार्वेल ने चेतावनी दी कि ''अगर यही हाल रहा, तो इलाज के विकल्प खत्म हो जाएंगे.'' उन्होंने बताया, ''हमारा अनुमान है कि दुनिया भर में एएमआर के चलते 30 लाख बच्चों की मौत हुई है.''

समाधान क्या है?

इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पहले ही AMR को गंभीर वैश्विक खतरा मान चुका है. प्रो. हार्वेल ने कहा, ''यह कोई एकतरफा समस्या नहीं है, बल्कि जीवन के हर पहलू से जुड़ी हुई है.'' उन्होंने सुझाव दिया कि साफ-सफाई, स्वच्छ जल और टीकाकरण ही फिलहाल एएमआर से बचने का सबसे कारगर उपाय हैं.