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मध्य प्रदेश में 'ओबीसी सीएम' UP-बिहार में बिगाड़ देगा विपक्ष का खेल! क्या 2024 में भाजपा के सामने सब होंगे फेल?

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव की पत्नी सीमा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की रहने वाली हैं. मोहन यादव अगस्त 2022 में सुल्तानपुर में अपने 96 वर्षीय बीमार ससुर ब्रह्मदीन यादव से मिलने के लिए अपनी पत्नी के साथ राज्य के दौरे पर भी आए थे.

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Edited By: Naresh Chaudhary
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हाइलाइट्स

  • उत्तर प्रदेश में यादवों का कई लोकसभा सीटों पर है निर्णायक प्रभाव
  • हरमोहन सिंह यादव की पुण्यतिथि पर पीएम मोदी ने किया था यादव फोकस का खुलासा

Mission 2024 BJP: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रचंड बहुमत हासिल करके विपक्ष के साथ-साथ सभी को चौंका दिया. इसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ओबीसी सीएम देकर एक बार फिर से राजनीति के पंडितो को हैरान कर दिया है. हालांकि ये कोई सरप्राइज नहीं, बल्कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों की फुलप्रूफ तैयारी है. भाजपा ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सीएम बनाया है. उत्तर प्रदेश से मोहन यादव का कनेक्शन है. साथ ही उत्तर प्रदेश और बिहार में यादवों की अच्छी खासी संख्या है. सीटों की बात करें तो यूपी और बिहार में लोकसभा की कुल करीब 120 सीटें हैं. ऐसे में विपक्ष का खेल खराब हो सकता है. 

एमपी के नए सीएम का है यूपी से बड़ा कनेक्शन

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव की पत्नी सीमा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की रहने वाली हैं और उनकी पृष्ठभूमि भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी रही है. मोहन यादव अगस्त 2022 में सुल्तानपुर में अपने 96 वर्षीय बीमार ससुर ब्रह्मदीन यादव से मिलने के लिए अपनी पत्नी के साथ राज्य के दौरे पर भी आए थे. उस वक्त ब्रह्मदीन ने सुल्तानपुर से फोन पर कहा कि मैं चाहता हूं कि यूपी और एमपी दोनों का विकास हो.

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा ने यादव बेल्ट में सेंध लगाकर समाजवादी पार्टी के उबरने की भविष्यवाणियों और उम्मीदों को झटका दिया था. अब मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के यूपी-कनेक्शन के साथ भाजपा निश्चित रूप से सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में 2024 लोकसभा चुनावों से पहले आक्रामक कदम उठाने की कोशिश करेगी. यहां भाजपा के सामने सिर्फ अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी विपक्ष है. 

भाजपा के नेताओं ने मोहन यादव के सीएम बनने पर जताई बड़ी उम्मीद

न्यूज साइट हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव का परिवार और बिहार में लालू यादव का परिवार अब तक के दो सबसे बड़े राजनीतिक परिवार हैं, जिनके लिए यादव काफी हद तक वफादार रहे हैं. उत्तर प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में एक यादव चेहरे को आगे बढ़ाना स्पष्ट है कि भाजपा अब पुरानी धारणाओं को खत्म करने का इरादा दिखा रही है.

हालांकि योगी सरकार 2.0 में एकमात्र यादव मंत्री गिरीश यादव ने कहा कि यह एक बड़ा फैसला है. हालांकि भाजपा जाति की राजनीति में विश्वास नहीं करती है, लेकिन यह कदम अब उस पार्टी को हटा देगा जो गर्व से यादव वफादारी का दावा करती है. भाजपा के पास फिलहाल छह यादव विधायक और सांसद हैं.

यूपी में यादवों का कई लोकसभा सीटों पर है निर्णायक प्रभाव

केंद्र में जीत की हैट्रिक के लिए भाजपा एक बार फिर से पार्टी शासित उत्तर प्रदेश पर बहुत ज्यादा भरोसा कर रही है, जहां यादव सबसे प्रमुख समाज है. उत्तर प्रदेश में करीब 9% यादवों का इटावा, बदायूं, मैनपुरी, फिरोजाबाद, फैजाबाद, संत कबीर नगर, बलिया, जौनपुर और आजमगढ़ समेत कई लोकसभा क्षेत्रों में निर्णायक प्रभाव है. जून 2022 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से सीट खाली करने के बाद भाजपा के दिनेश लाल यादव 'निरहाऊ' ने लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ में जीत हासिल की.

...तब पीएम मोदी ने किया था यादव फोकस का खुलासा

मीडिया रिपोर्ट के हवाले से एक भाजपा नेता ने कहा है कि मोहन यादव राज्य के कुश्ती संघों में भी काफी सक्रिय हैं, जो कि अखिलेश के पिता और राजनीतिक दिग्गज मुलायम सिंह यादव भी करते थे. चुनावों में भाजपा की लगातार शानदार जीत के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के यादव फोकस का खुलासा किया था, जब उन्होंने पूर्व सांसद और करीबी चौधरी हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्य तिथि के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया था.

मुलायम सिंह यादव के सहयोगी हरमोहन यादव महासभा के संस्थापक भी थे और उनके पोते मोहित यादव अब भाजपा में हैं.  2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मुलायम की बहू अपर्णा यादव पर भी जीत हासिल की.