जम्मू-कश्मीर के राजौरी में दर्दनाक हादसा, छात्रों से भरी मिनी बस पलटी; 28 लोग घायल
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में थंडी कासी इलाके के पास एक मिनी बस पलटने से 28 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 26 छात्र शामिल हैं. हादसे की वजह चालक का नियंत्रण खोना बताया जा रहा है. घायलों को GMC राजौरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है.
राजौरी: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मंगलवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. एक मिनी बस के पलट जाने से 28 लोग घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर छात्र शामिल हैं. हादसा राजौरी हाईवे पर थंडी कासी इलाके में हुआ जब बस राजौरी शहर की ओर जा रही थी. जानकारी के मुताबिक, बस के चालक ने अचानक वाहन पर से नियंत्रण खो दिया, जिससे बस पलट गई. बस में अधिकतर स्कूल और कॉलेज के छात्र सवार थे.
हादसे के बाद आसपास मौजूद लोगों और पुलिस ने तुरंत राहत अभियान शुरू किया. सभी घायलों को नजदीकी सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) असोसिएटेड अस्पताल राजौरी में भर्ती कराया गया है. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कुल 28 घायलों को इलाज के लिए लाया गया है, जिनमें 26 छात्र हैं. कई छात्रों को सिर, हाथ और पैर में चोटें आई हैं, जबकि कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. डॉक्टरों की एक टीम घायलों का लगातार इलाज कर रही है.
अधिकारियों ने बताया कि गंभीर रूप से घायल दो छात्रों 15 वर्षीय अलीजा और 11 वर्षीय साकिब को बाद में जीएमसी अस्पताल जम्मू रेफर कर दिया गया. इस तरह के बस हादसे अन्य राज्यों में भी पिछले कुछ दिनों में देखने को मिले.
पहले भी राजस्थान में हुआ बस हादसा
पिछले महीने राजस्थान के जैसलमेर-जोधपुर नेशनल हाईवे पर एक एसी स्लीपर बस अचानक आग की चपेट में आ गई, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. बस में कुल 57 यात्री सवार थे. आग इतनी तेजी से फैली कि बस कुछ ही मिनटों में पूरी तरह जल गई. हादसे ने क्षेत्र में कोहराम मचा दिया और प्रशासन को तुरंत राहत कार्य शुरू करने पर मजबूर कर दिया.
क्या थी हादसे की वजह?
पोकरण के विधायक महंत प्रतापपुरी ने इस दर्दनाक हादसे में 20 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इनमें से 19 यात्रियों की बस में ही मौत हो गई थी, जबकि एक गंभीर रूप से घायल यात्री जोधपुर ले जाते समय दम तोड़ गया. विधायक ने बताया कि बस की बैटरी में शॉर्ट सर्किट होने के कारण एसी की गैस पूरे केबिन में फैल गई, जिससे आग तेजी से भड़क उठी. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि बस की संकरी डिजाइन और केवल पीछे एक इमरजेंसी गेट होने के कारण यात्री सुरक्षित बाहर नहीं निकल पाए. उनका सुझाव था कि बस में दोनों तरफ इमरजेंसी गेट और कम से कम तीन दरवाजे होने चाहिए थे, ताकि यात्रियों को आपातकाल में बाहर निकलने का पर्याप्त अवसर मिल सके.
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