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India Daily

महबूबा मुफ्ती ने विवादित बयान में सरकार पर साधा निशाना, बोलीं- 'अब लिंचिस्तान बन गया है भारत'!

महबूबा मुफ्ती के अनुसार, जिस भारत की नींव स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने रखी थी, वहां आज लोगों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है

Ashutosh Rai
Edited By: Ashutosh Rai
महबूबा मुफ्ती ने विवादित बयान में सरकार पर साधा निशाना, बोलीं- 'अब लिंचिस्तान बन गया है भारत'!
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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक विवादित बयान दे दिया. उन्होंने देश की मौजूदा स्थिति को लेकर कुछ ऐसा कह दिया जिसके बाद यह पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है.

पीडीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि लोगों की गरिमा और सुरक्षा को सुनिश्चित करना किसी भी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भय और असहिष्णुता का यह माहौल यूं ही बना रहा, तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर भी पड़ेगा.

राजनीतिक गलियारों में हलचल
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू द्वारा बनाये गए भारत में एक परेशान करने वाला बदलाव आया है. बता दें कि महबूबा मुफ्ती ऐसे बयानों को लेकर लगातार सुर्ख़ियों में रहती हैं. अब राजनीतिक गलियारों में इस बयान के बाद फिर हलचल मच गई है.

महबूबा मुफ्ती ने बोला कि, 'गांधी और नेहरू का हिंदुस्तान अब लिंचिस्तान में बदल गया है. उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में सामने आ रही भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई. उनके अनुसार, इस तरह की घटनाएं बेहद गंभीर हैं और आम लोगों की सुरक्षा तथा सम्मान के लिए सीधा खतरा पैदा करती हैं.

देश में भय और असहिष्णुता का माहौल
साथ ही उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए बताया कि अलग-अलग राज्यों में हो रही ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि देश में भय और असहिष्णुता का माहौल बनता जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह वातावरण न केवल समाज के लिए बल्कि देश के भविष्य के लिए भी खतरनाक है.

अनंतनाग में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि जिस भारत की नींव स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने रखी थी, वहां आज लोगों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है.

सभ्य समाज के लिए गंभीर चेतावनी
यह सब सभ्य समाज के लिए गंभीर चेतावनी है. इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी कमजोर करती हैं.

महबूबा मुफ्ती के अनुसार, देश को ऐसे माहौल से बाहर निकालने के लिए गंभीर आत्ममंथन की जरूरत है. अब देखना यह कि इस पर सरकार का क्या जवाब आता है.