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India Daily

लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में भीषण हिमस्खलन, 3 सैनिकों की मौत, बचाव अभियान जारी

लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में मंगलवार को हुए भीषण हिमस्खलन में तीन सैन्यकर्मी शहीद हो गए. सूत्रों ने बताया कि दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र के रूप में मशहूर सियाचिन में बचाव अभियान जारी है. नियंत्रण रेखा के उत्तरी सिरे पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन आम बात है, जहां तापमान नियमित रूप से -60 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
avalanche in Siachen Glacier Ladakh
Courtesy: Social Media

Avalanche in Siachen Glacier Ladakh: लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में मंगलवार को हुए भीषण हिमस्खलन में तीन सैन्यकर्मी शहीद हो गए. सूत्रों ने बताया कि दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र के रूप में मशहूर सियाचिन में बचाव अभियान जारी है. नियंत्रण रेखा के उत्तरी सिरे पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन आम बात है, जहां तापमान नियमित रूप से -60 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है.

2021 में सियाचिन में सब-सेक्टर हनीफ में हिमस्खलन के बाद दो सैनिक मारे गए थे. अन्य सैनिकों और कुलियों को छह घंटे के अभियान के बाद बचा लिया गया था. 2019 में एक और भीषण हिमस्खलन में चार सैनिक और दो पोर्टर मारे गए. 18,000 फीट की ऊंचाई पर एक चौकी के पास गश्त कर रहे आठ सैनिकों के एक समूह पर हिमस्खलन का खतरा पैदा हो गया.

हिमस्खलन के कारण सबसे ज्यादा मौतें 2022 में हुईं, जब अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सेक्टर में सात जवान शहीद हो गए. हिमस्खलन इतना भीषण था कि लापता होने के तीन दिन बाद सेना के जवानों के शव मिले.

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