कोलकाता की लॉ छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आने के एक दिन बाद उसकी मेडिकल रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें क्रूरता और जबरन यौन संबंध बनाने के संकेत मिले हैं. शुक्रवार को छात्रा की मेडिकल जांच की गई.मेडिकल जांच के अनुसार, महिला के गले पर खरोंच के निशान थे और उसके स्तनों पर कुछ निशान थे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि उसके शरीर पर कोई घाव (कट) नहीं था. इसमें यह भी कहा गया कि उसके शरीर पर मिले चोट के निशानों की प्रकृति को देखते हुए यौन उत्पीड़न की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता.
इससे एक दिन पहले दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज की 24 वर्षीय छात्रा ने आरोप लगाया था कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इससे पहले मेडिकल जांच में पीड़िता के आरोपों की पुष्टि हुई थी और उसके शरीर पर बलपूर्वक प्रवेश, काटने के निशान और नाखून के खरोंच के सबूत मिले थे.
चार लोगों को गिरफ़्तार
इस मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. यह मामला कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इसी तरह के अपराध के 10 महीने से ज़्यादा समय बाद दर्ज किया गया है, जिसके बाद शहर और देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
पीड़ित छात्रा ने क्या बताया?
छात्रा ने आरोप लगाया कि 25 जून को उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, जब उसने मुख्य आरोपी 31 वर्षीय मोनोजीत मिश्रा, जो एक पूर्व छात्र है और तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) का वर्तमान महासचिव है, के विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. कॉलेज के दो अन्य छात्र भी वहाँ खड़े होकर अपराध को होते हुए देखते रहे. चौथे व्यक्ति, जो एक कॉलेज सुरक्षा गार्ड है, को भी इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसने हमले के प्रति कथित रूप से आंखें मूंद लीं तथा जानबूझकर अधिकारियों या पुलिस को सूचित नहीं किया.
यह घटना बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच एक प्रमुख राजनीतिक विवाद का विषय बन गई है, क्योंकि इसमें ममता बनर्जी की पार्टी के एक कार्यकर्ता की कथित संलिप्तता है. तृणमूल ने जहां एक ओर न्याय का आश्वासन देते हुए एक लंबे बयान में घटना की निंदा की, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भी मिश्रा की कई तृणमूल नेताओं के साथ तस्वीरें साझा करते हुए पलटवार किया, जिनमें सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी शामिल थे.
बीजेपी का प्रदर्शन
भाजपा ने शनिवार को कस्बा पुलिस स्टेशन के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया , जबकि राज्य प्रमुख सुकांत मजूमदार सहित इसके कई नेताओं को आंदोलन के दौरान हिरासत में लिया गया. इस बीच, कोलकाता पुलिस ने विधि छात्रा के बलात्कार मामले की जांच जारी रखने के लिए सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) प्रदीप कुमार घोषाल की देखरेख में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है.