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Mamta Warns For CAA: 'अगर नागरिकता के लिए किया एप्लाई तो बन जाओगे घुसपैठिए', जानें क्यों ममता दे रही ऐसी वॉर्निंग

Mamta Warns For CAA: केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद बंगाल की सीएम पूरी तरह से विरोध में उतर आई हैं. उन्होंने सीएए को लेकर लोगों को आगाह किया है.

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Mamta Warns For CAA: नागरिकता संशोधन अधिनियम का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद विपक्ष की पार्टियों ने अपनी-अपनी बयानबाजी तेज कर दी है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सीएए को लेकर सबसे ज्यादा मुखर है. नोटिफिकेशन जारी होने के बाद आज यानी मंगलवार को बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि इसमें स्पष्टता का अभाव है.

उन्होंने राज्य के लोगों से नागरिकता के लिए आवेदन नहीं करने को कहा है. उनका कहना है कि यदि आवेदन किया तो उन्हें शरणार्थी या घुसपैठिया बना दिया जाएगा और सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा. 

उत्तर 24 परगना में सभा के दौरान बोलीं ममता

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हाबरा में एक प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से जुड़ा हुआ है. साथ ही उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के झांसे में नहीं आने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आवेदन करने के लिए कहा जा रहा है, मैं आपको बता दूं कि एक बार आवेदन करने के बाद आपको शरणार्थी के रूप में चिह्नित किया जाएगा. 

भाजपा पर लगाया अधिकार छीनने का आरोप

आवेदन करते ही ऐसे लोग घुसपैठिये बन जाएंगे. ममता ने कहा कि ये अधिकार छीनने का खेल है. अगर आप आवेदन करेंगे तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आपको नागरिकता मिलेगी या नहीं. आप अपनी संपत्ति खो देंगे. आपको सभी सरकारी योजनाओं से दूर रखा जाएगा. चुनाव से पहले ये बीजेपी का प्लान है. आवेदन करने पर सारे नागरिक अधिकार छीन लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसलिए आवेदन करने से पहले हजार बार सोचें. यह एनआरसी से जुड़ा है. 

बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी सीएएः ममता

ममता बनर्जी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल में सीएए लागू नहीं होने देंगी. उन्होंने कहा कि मैं अपने राज्य में लोगों के बुनियादी अधिकार किसी को छीनने नहीं दूंगी. इसके लिए अगर मुझे अपनी जान भी कुर्बान करनी पड़ी तो मैं ऐसा करूंगी. उन्होंने कहा कि यह अधिनियम लोगों को परेशान करने के लिए बनाया गया है.

ममता ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट रूप से कहा है कि शरणार्थियों को विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए और किसी देश से बाहर नहीं निकाला जाना चाहिए. यह बुनियादी मानवता है. उन्होंने सवाल किया कि क्या हमने कभी देखा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता दी जा रही है?

पारित होने के बाद नोटिफिकेशन में देरी पर उठाए सवाल

सीएए को खतरनाक बताते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह कानून केवल लोगों को परेशान करने और भाजपा के लिए चुनाव में दो सीटें सुनिश्चित करने के लिए है. कानून 2019 में पारित किया गया था, लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने इसकी घोषणा की है. स्पष्ट रूप से इसमें उनका निहित स्वार्थ है. ममता ने कहा कि वे पिता का जन्म प्रमाण पत्र मांग रहे हैं. क्या आपके पास आपके पिता का जन्म प्रमाण पत्र है? मेरे पास तो नहीं है. 

पिता का जन्म प्रमाण पत्र कहां से लाओगे?

मैं अपने माता-पिता की जन्मतिथि भी नहीं जानती. जो लोग खुशी से उछल रहे हैं वे अधिनियम देखें और जानें कि यह कितना खतरनाक है. यह आपको शरणार्थी के रूप में बांट देगा. फिर उन्हें हिरासत शिविर में भेज दिया जाएगा. बंगाल की सीएम ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया है. कहा है कि यह बंगाल को फिर से विभाजित करने और बंगालियों को देश से बाहर निकालने का खेल है.