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India Daily

kolkata: पुस्तक मेले में ममता की तीन पुस्तकों का किया गया विमोचन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लिखी तीन नयी पुस्तकों का 48वें अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में विमोचन किया गया. इनमें से एक पुस्तक 1980 के दशक से ममता के लंबे राजनीतिक सफर पर आधारित है.

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Edited By: Anvi Shukla
mamta banerjee
Courtesy: pinterest

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तीन नई पुस्तकों का विमोचन कोलकाता पुस्तक मेले में हुआ. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपनी पुस्तकों के बारे में चर्चा की और कहा कि ये किताबें उनकी राजनीतिक यात्रा और सामाजिक मुद्दों पर विचारों को उजागर करती हैं. ममता बनर्जी के समर्थकों और साहित्य प्रेमियों ने इस अवसर पर पुस्तक मेले में भाग लिया.

 

ममता बनर्जी की किताबें: विचारों का संग्रह:

विमोचन के दौरान ममता ने अपनी तीन पुस्तकों का अनावरण किया, जो राजनीति, समाज और राज्य के विकास से संबंधित हैं. ममता ने बताया कि इन पुस्तकों में उनके व्यक्तिगत अनुभव, पश्चिम बंगाल के विकास की दिशा और समाज में हो रहे परिवर्तनों पर उनके विचार शामिल हैं. उन्होंने कहा, "इन किताबों के माध्यम से मैं लोगों से अपने विचार साझा करना चाहती हूं, ताकि वे हमारी राज्य सरकार की नीतियों और समाज में हो रहे बदलावों को बेहतर समझ सकें."

साहित्यिक और राजनीतिक दृष्टिकोण:

ममता बनर्जी की किताबों का विमोचन कोलकाता पुस्तक मेले में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है. यह न केवल उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, बल्कि पश्चिम बंगाल के सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिवर्तनों पर भी गहरी छानबीन करती हैं. राजनीतिक नेताओं और लेखकों के अलावा कई प्रतिष्ठित साहित्यकार भी इस अवसर पर मौजूद थे.

राजनीतिक संदर्भ में किताबों की महत्वपूर्णता:

ममता बनर्जी के समर्थकों का मानना है कि उनकी ये किताबें उनके राजनीतिक संघर्षों और राज्य के विकास को समझने का एक महत्वपूर्ण जरिया होंगी. इन पुस्तकों में राज्य की योजनाओं, उसकी उपलब्धियों और ममता के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल के विकास की चर्चा की गई है. 

विरोधियों की प्रतिक्रिया:

वहीं, कुछ विपक्षी नेताओं ने इन पुस्तकों को महज एक राजनीतिक प्रचार का तरीका बताया है. उनका कहना है कि ममता इन किताबों के माध्यम से अपनी छवि को चमकाने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि, ममता ने इन आलोचनाओं को नजरअंदाज करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य केवल जनहित में काम करना और लोगों तक अपने विचार पहुंचाना है.

कोलकाता पुस्तक मेला में ममता बनर्जी द्वारा अपनी किताबों का विमोचन राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में एक नई चर्चा का विषय बन गया है. इन किताबों के माध्यम से ममता ने न केवल अपनी राजनीतिक यात्रा को साझा किया, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार भी रखे हैं. आने वाले दिनों में यह किताबें पश्चिम बंगाल की राजनीति और समाज को समझने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं.